शहर में फल-फूल रहा है नशा बेचने का कारोबार, मर रहे हैं नशेड़ी, बर्बाद हो रहे हैं परिवार
सरताज खान
गाजियाबाद (लोनी)। सर्किल क्षेत्र के अलग-अलग थाना क्षेत्र के अंसार बिहार व कासिम विहार कॉलोनी में हो रहे नशे के अवैध कारोबार को लेकर नागरिकों ने चिंता जताई है। लोगों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन की लाचार कार्यप्रणाली के चलते मौत को बेचने वाले असामाजिक तत्वों का यह कारोबार लगातार फल-फूल रहा है। यही कारण है कि नशे की लत के चक्रव्यूह में फंसे लोग अपने स्वास्थ्य और परिवार की बर्बादी का कारण बनते जा रहे हैं। यही नहीं ऐसे लोगो का नशे रूपी काल के गाल में समा जाने वाली घटनाओं को भी नकारा नहीं जा सकता, जो नशे के आदी होकर अक्सर मौत की नींद सो जाते हैं। हालत ऐसे है कि क्षेत्रीय संभ्रांत नागरिकों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि किसी को मौत के मीठे नशे का स्वाद चखना है तो वह उनकी कॉलोनी में आकर आसानी से खरीद सकता है।
कॉलोनी के लोगों का आरोप है कि लोनी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर हो रहे नशे के कारोबार के मामले में अंसार बिहार व कासिम बिहार सबसे आगे है, जहां अनेक लोगों द्वारा छोटे-बड़े स्तर पर नशीले पदार्थ बेचने का यह धंधा खुलेआम जारी है। गांजा, अफीम, स्मैक, शराब व अन्य कोई दूसरा नशा खरीदने वाले जरूरतमंदों व इसकी लत में फंसे लोगों को यहा सब कुछ आसानी से मिल जाता है। यही कारण है कि दूसरे क्षेत्रों में रहने वाले नशे के खरीदारों को भी यहां एक बड़ी संख्या में आते-जाते देखा जा सकता है। जिनमें अपराधिक प्रवृत्ति के लोग शामिल न हो, इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है।
नशे की बुरी लत में फंसते जा रहे लोगों में किशोर भी शामिल
उक्त कॉलोनी में हो रहे विभिन्न नशीले पदार्थों के कारोबार का सबसे बड़ा असर यहां रहने वाले लोगों पर पड़ रहा है। नौजवान हो या बुजुर्ग उनकी एक बड़ी संख्या ऐसी है जो नशे के आदि हो चुके हैं क्योंकि कॉलोनी में ही आसानी से या पड़ोसी होने के नाते रिहायती दामो पर उपलब्ध हो जाने से वह एकबार नशे का स्वाद चखने के चक्कर में उसकी बुरी लत में फंस चुके हैं या फंसते जा रहे जिनमें नाबालिक किशोर भी शामिल है। कॉलोनी के बहुत से लोग तो ऐसे हैं जिनके दिलो-दिमाग को नशे की इस जानलेवा लत ने इस कदर जकड़ लिया है कि वह अपने घरों की जरूरतों को ताक पर रखकर पहले अपने लिए नशा खरीदना जरूरी समझते हैं। यही कारण है कि कॉलोनी के बहुत से घर ग्रह कलेश की चपेट मे आ चुके है और उनके परिवार के लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। सच तो यह है कि कालोनियों में नशा रूपी मौत इस कदर हावी है कि वह लगभग प्रतिमाह किसी न किसी नशेडी को एक ऐसी खुमारी में सुला देती है जिन्हें फिर कभी नशा करने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
खाकी और खादी की हो रही किरकिरी
क्षेत्रीय नागरिकों का आरोप है ऐसा भी कतई नहीं है कि यहां गुपचुप रूप से नशा बेचने के धंधे की बात उजागर हो जाने के बाद समय-समय पर इसकी शिकायत न की जाती रही हो मगर इसके बावजूद आजतक भी न जाने क्यों नशे के इस अवैध कारोबार पर पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कारगर अंकुश नहीं लगाया जा सका। नतीजन इस धंधे में संलिप्त लोगों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती चली गई। यहां तक कि कॉलोनी के बहुत से घरों में भी अब नशा बेचने का यह धंधा खूब फल-फूल रहा है जिसमें महिलाएं भी शामिल है। लोगों का आरोप है कि उक्त कॉलोनी में जिस कदर खुलेआम विभिन्न प्रकार के नशा बेचने का कारोबार हो रहा है उसे देखकर लगता है यहां नशे के कारोबारियों को स्थानीय खाकी और खादी का संरक्षण प्राप्त है।