बरेली कॉलेज – बिना किसी नोटिस के अचानक निकाला 175 कर्मचारियों को
मनोज गोयल (मण्डल प्रभारी)
न्याय के लिये गुहार : बरेली कालेज में 15-20 वर्षों से कार्यरत 175 कर्मचारियों की सेवाएं की गई समाप्त, पीड़ित कर्मचारियों ने शुरू किया आंदोलन
कर्मचारियों ने जिस नौकरी को करते करते अपनी ज़िंदगी गुजार दी, बढ़ती उम्र में उसी नौकरी से उन्हें बेदखल कर दिया गया..वर्षों की सेवा का ऐसा ‘इनाम’..इंसाफ की गुहार लगा रहे कर्मचारियो को क्या न्याय मिल पायेगा ..
बरेली कॉलेज,बरेली में 15 से 20 वर्षों से कार्यरत 175 तृतीय और चतुर्थ श्रेणी अस्थाई कर्मियों की बरेली कॉलेज प्रबंध समिति ने सेवाएं समाप्त कर दी है।अपनी आधा से ज्यादा ज़िन्दगी बरेली कालेज की नौकरी में गुजार चुके कर्मचारीयों के लिए यह किसी वज्रपात से कम नहीँ है।अब कर्मचारी अपनी रोजी रोटी वापस पाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
कॉलेज प्रबंध समिति ने प्रस्ताव पारित कर कर्मचारियों की सेवाएं कर दी समाप्त :
Pnn24 ने जब इस बारे में और अधिक जानना चाहा तो संघर्षकर्ताओं ने बताया की 15 से 20 वर्षों से कार्यरत अस्थाई कर्मियों को बरेली कॉलेज प्रबंध समिति के सचिव देवमूर्ति ने 11 मई को एक प्रस्ताव रखकर इन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने एवं ठेके पर नवींन कर्मचारीयों को रखने का प्रस्ताव पास करा लिया है और गलत शासनादेश का हवाला देकर हमे हटा दिया गया है पर असल में वह शासनादेश हम पर लागू ही नहीं होता है।
मात्र 5 से 6 हजार मिलता है वेतन :
कर्मचारियों ने बताया की हमें सिर्फ 5 से 6 हजार रुपये प्रतिमाह ही मिलते हैं जिसमें बड़ी ही मुश्किल से घर का खर्चा चल पाता है पर अब वो नौकरी भी नहीं रही हैं तो अब हम कहा जाये।
डीएम कमिश्नर से भी कर चुके हैं फ़रियाद :
संघर्षकर्ताओं ने आगे बताया कि डीएम, कमिश्नर से लेकर बहुत से उच्च अधिकारियों से कर्मचारी कई बार मिल कर गुहार लगा चुके हैं हर बार उन्हें आश्वासन मिलता है कि न्याय होगा।
46 दिन से कर रहे हैं संघर्ष :
लगातार करीब 46 दिनों से कड़ी चिलचिलाती धूप और गर्मी की परवाह ना करते हुए अपने हक और परिवार की खातिर यह कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं परंतु जब इनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया तो इन्होंने आज बरेली कॉलेज में तालाबंदी कर दी जिस पर पुलिस बल, एसपी सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट आए और उन्होंने तमाम कोशिशें करी की तालाबंदी खत्म हो जाये परंतु कर्मचारी नेता नहीं माने।
उम्र के इस पड़ाव पर अब कहाँ भटके नौकरी के लिये :
कर्मचारी कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा ने PNN24 से बातचीत में अपने आंदोलन के बारे में बताते हुए कहा की, हमने अपनी आधी जिंदगी बरेली कॉलेज की सेवा करते हुए बिता दी है और अब उम्र के इस पड़ाव पर हमें निकाला जा रहा है जिसके लिए उन बातों का हवाला दिया जा रहा है जो हम पर लागू ही नहीं होती ।उन्होंने सचिव देवमूर्ति के प्रति रोष व्यक्त करते हुए कहा कि वह कर्मचारियों की समस्याओं को पूरी तरह से नजरअंदाज कर रहे हैं ।हमें आश्वासन तो लगातार मिल रहे हैं पर हमें न्याय चाहिए क्योंकि उम्र के इस पड़ाव पर यह नौकरी छोड़कर अब हम जाएं भी तो कहां।जितेंद्र मिश्रा ने आगे कहा की हम सभी कर्मचारी अपना संघर्ष आखरी सांस तक जारी रखेंगे, यह हमारी लड़ाई है और हमें हमारी नौकरी वापस चाहिये।उन्होंने कहा हमें सभी के सहयोग की आवश्यकता है।
निर्णय वापसी एवं जून माह का वेतन निर्गत होने पर ही खुलेगा कॉलेज:
इसके अलावा कर्मचारी कल्याण सेवा समिति,बरेली कॉलेज के सचिव हरीश चंद्र मौर्य ने चैनल को बताया कि निर्णय वापसी एवं जून माह का वेतन निर्गत होने पर ही कॉलेज खुलेगा।बरेली कॉलेज में तालाबंदी होने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, समाजवादी छात्र सभा ,एन एस यू आई के छात्र पूरे दिन कर्मचारियों के इस आंदोलन में उनका भरपूर समर्थन कर रहे हैं। शिक्षक संघ,बरेली कॉलेज भी इन कर्मचारियों की मांगों का समर्थन कर रहा है । इस अवसर पर राजाराम, कुलदीप, सावित्री, रेखा ,देववती ,लालाराम, रोहित, जयवीर, पूरन सिंह,सूर्य किरणदीप सिंह आदि संघर्षकर्ता कर्मचारी मौजूद रहे।