प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने किया श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण, देखे तस्वीरे
शाहीन बनारसी
वाराणसी। हर हर महादेव, हर हर महादेव, नमः पार्वती पतये, हर हर महादेव के उद्घोष के साथ आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया। हर हर महादेव के उद्घोष के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन शुरू करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्या और डॉ0 दिनेश शर्मा, उप-राज्यपाल एवं अन्य राज्यों से आये हुए नेताओं और देश की जनता का धन्यवाद किया।
इसके पूर्व ललिता घाट से स्नान कर हाथो में गंगा जल लिए पीएम नरेंद्र मोदी सीधे धाम पहुंचे। जहाँ बाबा के जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक के साथ उन्होंने बाबा का विधिवत पूजन-अर्चन के बाद मंदिर परिसर में पोधारोपण किया। बताते चले कि प्रधानमंत्री ने रेवती नक्षत्र में यह लोकार्पण किया। लोकार्पण से पहले उन्होंने काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव की अनुमति प्राप्त किया।
बाबा के गर्भगृह में पूजा अर्चना के बाद पीएम मोदी उन मजदूरो के बीच पहुंचे, जिन्होंने दिन-रात मेहनत कर बाबा के धाम को तैयार किया। पीएम ने उनके सम्मान में मजदूरो पर फुल बरसाए और उनके साथ बात-चीत की तथा फोटो खिचवाये। पीएम ने बाबा के धाम का श्रेय बाबा को ही देते हुए कहा कि काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथो में डमरू है। उनकी इच्छा के बिना यहां कोई नहीं आ सकता। मै भी उन्ही के इच्छा से आया हुआ हूँ।
इसके पूर्व काल भैरव मंदिर से पीएम मोदी गंगा मार्ग होते हुए ललिता घाट पहुंचे थे। जहाँ गंगा स्नान करके खुद कलश में जल भरा और पैदल बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह पहुँच कर पूजन-अर्चन कर लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हमने बाबा के धाम का नया रूप और नया कलेवर करके राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पीड़ा को दूर किया है। गाँधी जी के नाम पर बहुत से लोगो ने राजनीत किया है, मगर हमने उनके सपनो को सच किया है।
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज शिव जी का प्रिय दिवस सोमवार है। आज की तिथि मार्गशीर्ष शुक्ला दशमी, विकास सम्वत 2078 नया इतिहास रच रही है। हम इसके साक्षी बने है। भगवान् विशेश्वर का आशीर्वाद एक अलौकिक उर्जा यहाँ से आती है और हमारे अंतर्रात्मा को जागृत कर देती है।जब भी कोई शुभ अवसर होता है सभी शक्तियां, देवियाँ काशी में उपस्थित हो जाती है। यहाँ आसपास जो अति प्राचीन मन्दिर विस्तृत हो गए थे उन्हें भी पुनर्स्थापित कर दिया गया है। अब आप यहाँ आयेगे तो आस्था और अतीत के गौरव का अहसास भी आपको होगा।