मुसीबत का सबब बने हैं लोनी की सड़को पर अनियमित दौड़ने वाले ऑटो चालक, महिला सवारी बैठने पर बजाते हैं भोंडे किस्म के गाने, चालकों में नाबालिग व बिना कागजात वाले भी शामिल
सरताज खान
लोनी। गाजियाबाद जनपद का लोनी वह क्षेत्र है जहां लगभग 17 लाख की आबादी है। यहां के नागरिकों को शाहदरा, दिल्ली व गाजियाबाद आदि के अलावा स्थानीय क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर आने-जाने के लिए अधिकांशत: ऑटो पर निर्भर रहना पड़ता है। नतीजन यहां सवारी ढोने वाले ऐसे सैकड़ो ऑटो इधर से उधर दौड़ते हुए देखे जा सकते हैं जिनमे दिल्ली रजिस्ट्रेशन के मुकाबले यूपी नंबर वाले ऑटो की संख्या अधिक है जिनके चालको पर ट्रेफिक या स्थानीय पुलिस की लगाम कसी नहीं होने से उनके बहुत से चालक नाबालिग होने के अलावा भी बिना ड्राइविंग लाइसेंस व अन्य कागजात के बेखौफ सड़कों पर दौड़ते रहते हैं।
यही नहीं इनमें अधिकांश ऑटो चालक ऐसे है जो मनाही के बावजूद अपने ऑटो में ऊंची-ऊंची आवाज में डेक बजाकर ध्वनि प्रदूषण करने से बाज नहीं आते है, जिनसे यात्रीगण भी अत्यधिक परेशान हैं। ऑटो चालकों का यह आलम है कि उनके ऑटो में बैठने वाली सवारियों द्वारा डैक बंद करने के लिए कहने पर भी वह उसे बंद नहीं करते हैं, बल्कि उल्टा उनके साथ गाली-गलौज व कभी-कभी मारपीट पर उतारु हो जाते हैं। जिनमें बहुत से मनचले ऑटो चालक तो ऐसे है जो महिला सवारी के बैठते ही जानबूझकर भोंडे किस्म के गाने बजाते हैं।नतीजन उन्हें गर्दन झुकाये बैठकर किसी तरह अपना सफर पूरा करने को मजबूर होती है या मजबूरीवश उन्हे रास्ते में ही उतरना पड़ता है।
अफसोस तो इस बात का है कि यातायात नियमों के उल्लंघन के साथ-साथ अपनी मनमानी करने वाले ऐसे ऑटो चालको की जब जब भी शिकायत की जाती है, पुलिस उल्टा सवारियों को ही टिरकाने का प्रयास करती है या कभी-कभी किसी दबाव के चलते कुछ ऑटो चालको के विरुद्ध कार्यवाही के नाम पर उनके डेक निकलवाकर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर लेती है। यही कारण है कि ऐसे ऑटो चालक बिना किसी डर भय के सभी नियमों को ताक पर रखकर खुलेआम सड़कों पर अपने ऑटो दौड़ाते घूमते फिरते हैं जो सवारी बैठाने या उतारने के दौरान भी अपने ऑटो को बेतरतीब खड़े करते हैं। और इस तरह दूसरे वाहन चालको के साथ-साथ आम नागरिकों के लिए भी एक मुसीबत का सबब बने हुए है।
सीओ के निर्देश के बावजूद नहीं हो सकी कार्यवाही
ऑटो चालकों की उक्त करतूतों के संदर्भ में पिछले दिनों नागरिकों द्वारा विधायक को भी शिकायती पत्र दिया गया था। जिसका संज्ञान लेने के बाद उन्होंने मामले को गंभीरता लिया था और तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी को पत्र लिखकर क्षेत्र में ऑटो चालकों के विरुद्ध सघन जांच अभियान चलाते हुए नाबालिग ऑटो चालकों, उनके लाइसेंस व कागज चेक करने के साथ-साथ सभी ऑटो से डेक उतरवाए जाने कि बात कही थी। जिन्होंने सभी थानाध्यक्षों को दुर्घटना के कारक बने ऑटो चालकों के विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाई जाने के लिए निर्देश दिए थे ताकि उन पर लगाम लगाई जा सके। मगर न जाने क्यों संदर्भ में आजतक कोई कार्यवाही अमल में क्यों नहीं लाई जा सकी।