बहराइच – भाजपा सभासद मनोज मिर्ची ने निर्दोष युवक की किया अस्पताल में पिटाई

सुदेश कुमार

बहराइच. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री लाख कुछ भी कहते रहे मगर भाजपा के नेता और कार्यकर्ता अपनी ही धुन में मग्न रहते है. ऐसा लगता है कि दशको बाद केंद्र और प्रदेश में एक साथ सत्ता पाये भाजपा के ये कार्यकर्ता और नेता पुरा फायदा उठाना चाहते है. कभी कथित गौ रक्षा के नाम पर बवाल तो कभी किसी नाम पर. कभी पुलिस अधिकारी से दुर्व्यवहार तो कभी कुछ. ऐसा ही एक मामला बहराइच में सामने आया जब भाजपा के एक सभासद ने एक युवक को केवल इसलिए पीट पीट कर अधमरा कर दिया क्योकि उनको शक था कि वह युवक चोर है. जबकि उसकी तलाशी में चोरी का कुछ भी बरामद नहीं हुआ और युवक निर्दोष साबित हुवा मगर साहेब सत्ता का नशा है तो ताण्डव होना चाहिए.
घटना के सम्बन्ध में प्राप्त समाचार के अनुसार दरगाह निवासी एक युवक अपनी बिमारी का इलाज करवाने के लिए जिला अस्पताल आया था इसी बीच भाजपा के धनकुट्टी पूरा सभासद मनोज मिश्रा उर्फ़ मनोज मिर्ची का कथित तौर पर कुछ गायब हो गया, फिर क्या था मनोज मिर्ची ने तत्काल अपने साथ लेकर चलने वाले फ़ौज को निर्देश दिया और उस युवक को पकडवा लिया. पहले पूछा गया कहा रहते हो, फिर पूछा गया नाम, और नाम सुनकर उस युवक की तलाशी लिया गया गया. तलाशी में उसके पास से कुछ भी नहीं निकला और फिर शुरू हुवा सत्ता के नशे में चूर सभासद मनोज मिर्ची और उनके लग्गू बिझु का ताण्डव. मनोज मिर्ची और उनके साथियों ने शुरू किया उस बीमार शख्स की पिटाई. लात, घुसे, थप्पड़ो की बौछार के बीच युवक चिल्लाता रहा मगर कोई मदद को नहीं आया. आता भी कैसे जो आता उसको मनोज मिर्ची के गुर्गो का शिकार होना पड़ता. जनता मूकदर्शक बनी खडी देखती रही और मनोज मिर्ची और उनके साथ के लोगो ने उस युवक को लगभग मार मार कर अधमरा कर दिया. अस्पताल के रूम नंबर 22 के सामने हो रहे सत्ता के इस ताण्डव में एक निर्दोष युवक मार खाता रहा. दुहाई देता रहा मगर मनोज मिर्ची नाम है आसानी से शांत होने वाला नहीं है नाम ये जब तक थक न जाए लात घुसे चलते रहते है.
किसी को युवक पर आखिर दया आई और उसने पुलिस को सुचना दिया. मौके पर पहुची पुलिस को भी मनोज मिर्ची ने खूब हड्काने का प्रयास किया और कहा कि वह चोर की सिफारिश कर रहे है. पुलिस कर्मियों के अन्दर भी इस इंसान होता है आखिर जब मनोज मिर्ची नहीं माने तो पुलिस के उस युवक की तलाशी लिए. उस युवक के जेब से चन्द सिक्के और दवा मिली. पुलिस ने मनोज मिर्ची से पूछा बताओ क्या गायब हुआ आपका और इसमें से क्या आपका है तो मनोज मिर्ची बगल झाकने लगे और धीरे से सरक लिए. पुलिस के आने से युवक की जान बच सकी अन्यथा आज तो मनोज मिर्ची ने अस्पताल को ही खून से रंग दिया होता.
  खैर साहेब युवक गरीबथा, निर्दोष था और मजबूर था वह धीरे धीरे वहा से चला गया. उसके ऊपर आम नागरिको को दया भी आ रही थी. मगर कोई क्या कर सकता था, जब मनोज मिर्ची मार रहे हो तो फिर किसकी हिम्मत की बीच में बोले. जो बोलता नेता जी के गुस्से का शिकार हो जाता. जो छुड़ाने जाता नेता जी उसको न छोड़ते. बस एक निर्दोष केवल अपने नाम और रहने की जगह पर पिटता रहा और उसकी मज़बूरी भी थी कि वह केवल मार खा सकता था और कुछ कर भी नहीं सकता था.

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *