तेज़ तर्रार एसआई प्रकाश सिंह को कल मिलेगा “पुलिस महानिदेशक प्रशंसा चिन्ह सिल्वर” मेडल

ए0 जावेद

वाराणसी। वाराणसी के तेज़ तर्रार एसआई में गिने जाने वाले प्रकाश सिंह को कल गणतंत्र दिवस के अवसर पर “पुलिस महानिदेशक प्रशंसा चिन्ह सिल्वर” मेडल प्रदान किया जायगा। प्रकाश सिंह को उनके क्राइम पर किये गए सफल प्रयासों के फल स्वरुप मिले है। यह समाचार आने के बाद प्रकाश सिंह के सहकर्मियों और प्रशंसको में ख़ुशी की लहर है। सभी ने उन्हें बधाई दिया है।

कौन है प्रकाश सिंह

प्रकाश सिंह 2015 बैच का एक तेज़ तर्रार दरोगा है। एनएसजी ट्रेनिंग प्राप्त प्रकाश सिंह का मूल रूप से मऊ जनपद के निवासी है। प्रकाश सिंह ने वाराणसी कोतवाली में अंडर ट्रेनिंग रहते हुवे लूट के एक मामले में सफल खुलासा करने वाली टीम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुवे लूट का माल बरामद कर आरोपियों को दबोचा था। शांत मगर तेज़ तर्रार दरोगा प्रकाश सिंह की गिनती जनपद में बिना दबाव के काम करने वाले दरोगाओ में होती है। ट्रेनिंग के उपरांत प्रकाश सिंह की नियुक्ति बतौर चौकी इंचार्ज चितईपुर हुई। जहा वह क्राइम एक्सपर्ट इन्स्पेक्टर भारत भूषण तिवारी के टीम में एक महत्वपूर्ण स्थान पर थे। वर्त्तमान में वह एडिशनल कमिश्नर वाराणसी सुभाष चन्द्र दुबे के पीआरओ है।

अपराध नियंत्रण पर है बड़ी उपलब्धियां

प्रकाश सिंह के नाम अपराध नियंत्रण की बड़ी उपलब्धी है। चाहे वह टिकारी ग्राम में शिक्षिका की सर कूच कर हत्या कांड का सफल खुलासा हो अथवा गौरव हत्याकांड या फिर दुर्गाकुंड में हुआ गर्ल्स होस्टल मैनेजर हत्या कांड। इन सभी के सफल खुलासे में महत्वपूर्ण योगदान करके प्रकाश सिंह चर्चा में रहे है। प्रकाश सिंह 25 हजार के इनामिया अपराधी आशीष यादव की पुलिस मुठभेड़ टीम का भी हिस्सा था।

महिला शिक्षिका की टिकरी ग्राम में हुई हत्या का मामला एक कोल्ड ब्लाइंड मर्डर था। मौके पर सर कूच कर महिला की हत्या हुई थी। घर का दरवाज़ा अन्दर से बंद था। पुलिस के हाथ सुराग के तौर पर कुछ भी नही लगा था। इस मामले को तत्कालीन थाना प्रभारी भारत भूषण तिवारी ने अपनी अना पर ले लिया था और इसका सफल खुलासा करने के लिए प्रकाश सिंह को लगाया था। प्रकाश सिंह और टीम ने मिलकर इलाके के डम्प डेटा की जाँच शुरू किया था। भूसे में सुई तलाशते हुवे टीम ने झासी के लुटेरो को गिरफ्तार किया था। उस गैंग को पूरा क्रैक करके मुख्य संचालिका को हिरासत में लेकर क्राइम सीन रीक्रेयेट किया गया था जहा फर्श पर मृतका से खून को उसी हत्यारोपी मुख्य संचालिका से साफ़ करवाया था। पुलिस की ये एक बड़ी उपलब्धी थी जिसके लिए सबसे अधिक प्रशंसा प्रकाश सिंह ने हासिल किया था।

क्राइम का हब बनते जा रहे लंका थाना क्षेत्र को मुख्य रूप से नियंत्रण में लेने वाले और अपराध पर अंकुश लगाने वाले इन्स्पेक्टर भारत भूषण तिवारी के कार्यकाल में ही बीएचयु में गौरव हत्याकांड हुआ था। इन्स्पेक्टर भारत भूषण तिवारी के सरपरस्ती में बक्सर के हत्यारोपियो की गिरफ़्तारी में प्रकाश सिंह की भूमिका काफी सराहनीय था। हत्या काण्ड का कनेक्शन बिहार के बक्सर से होने की जानकारी इकठ्ठा करना और मोबाइल के डम्प डेटा के आधार पर बक्सर का नम्बर निकाल कर उसकी लोकेशन को फालो करते हुवे जब वह वापस बनारस आता है तब उसकी गिरफ़्तारी करना एक बड़ी पुलिस की उपलब्धि रही है।

प्रकाश सिंह की उपलब्धियों में रोहनिया तथा मंडुआडीह में हुई लूट कांड के आरोपियों की भी गिरफ़्तारी रही है। इस लूट कांड के आरोपियों के कनेक्शन कटिहार से है कि जानकारी लेकर उनका फालोअप करना और फिर जब दूसरी घटना को अंजाम देने वह लुटेरे बनारस आये तो गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रकाश सिंह की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। इस लूट कांड में कुल 5 लाख 30 हज़ार की बरामदगी भी हुई थी। खुलासे के लिए बनी टीम में मुख्य रूप से प्रकाश सिंह को रखा गया था।

ऐसा ही एक कोल्ड ब्लाइंड मर्डर था गर्ल्स होस्टल मैनेजर की गोली मार कर हुई हत्या। इस समय प्रकाश सिंह की नियुक्ति अति सवेदनशील समझी जाने वाली दुर्गाकुंड चौकी पर बतौर चौकी इंचार्ज थी। प्रकाश सिंह ने इस हत्याकांड में घटना के दिन ही जानकारी मिलते ही मौके से लेकर आखरी तक के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए थे। इस हत्याकांड में एक बड़े टीम वर्क की दास्ताँन तब सामने आई थी जब तत्कालीन अस्सी चौकी इंचार्ज दीपक कुमार राणावत छुट्टी पर होने के बावजूद हुई हत्याकांड की जानकारी मिलते ही वापस आ गए थे और अपने बैच मैट प्रकाश सिंह के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर खड़े हुवे और इस टीम ने महज़ 72 घंटो में ही हत्याकांड का सफल खुलासा करते हुवे दोनों हत्यारोपियो को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त आला-ए-क़त्ल पिस्टल और कट्टा बरामद किया और हत्या के कारणों को भी जगजाहिर किया। तत्कालीन एसएसपी ने इस टीम की हौसला अफजाई भी किया था।

शाइन सिटी आरोपियों की कमर तोड़ने में थी महत्वपूर्ण भूमिका

शाइन सिटी के मुख्य आरोपियों में आर्यन भार्गव को वेस्ट बंगाल के कलकत्ता और मुश्ताक की सिवान से हुई गिरफ़्तारी में बड़ी भूमिका प्रकाश सिंह की थी। आर्यन भार्गव कोलकत्ता में रहकर वाराणसी पुलिस को लगातार चकमा दे रहा था। आर्यन की गिरफ़्तारी के लिए बनी टीम में वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने मुख्य भूमिका प्रकाश सिंह को सौपी थी। चलती ट्रेन से फ़िल्मी स्टाइल में आर्यन की गिरफ़्तारी हुई थी। प्रकाश सिंह को इस गिरफ़्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पुलिस मुखिया से तारीफ भी मिली थी। वही मुश्ताक को बिहार के सिवान स्थित गाँव के अन्दर घुस कर गिरफ्तार करने में भी प्रकाश सिंह की मुख्य भूमिका थी।

चौक थाना क्षेत्र में मृत युवक के साथ हुई टप्पेबाजी की घटना का सफल खुलासा

चौक थाना क्षेत्र में एक युवक की पीट पीट कर हत्या हो गई थी। हत्या का आरोप युवक के रिश्तेदार पर ही था। युवक पर आरोप था कि उसने दुकानदार का सोना चुरा लिया है। मगर युवक का कहना था कि उसके साथ टप्पेबाजी हुई है। इस घटना में टप्पेबाजी की आशंका को भापते हुवे प्रकाश सिंह के द्वारा यह सिद्ध किया गया कि युवक के साथ कोतवाली थाना क्षेत्र में टप्पेबाजी की घटना घटित हुई थी।

इस मामले के साबित होने के बाद कोतवाली में सम्बन्धित धाराओं में मुकदमा एक और दर्ज होता है और टप्पेबाजों को गिरफ्तार करने के लिए टीम का गठन किया जाता है। इस टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्रकाश सिंह भी थे। वाराणसी के बुलानाला से लेकर चंदौली जनपद के मुग़लसराय तक एक एक सीसीटीवी फुटेज को खंगालते हुवे इस टीम ने लगभग एक हजार से अधिक कैमरों की फुटेज देखा। फुटेज से पीछा करते करते टप्पेबाज़ जिस होटल में रुके थे वह तक पहुचने में पुलिस ने कामयाबी हासिल कर होटल रिकार्ड से उनकी सही पहचान निकाल कर इस टीम के द्वारा टप्पेबाजों को गिरफ्तार किया गया था। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस को मिली ये एक बड़ी सफलता थी जिसमे प्रकाश सिंह की भूमिका सराहनीय थी।

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