Morbatiyan

तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ: नीम्बू शरबत में स्वाद नही बढ़ा रहा है साहब, उसके दाम काका के दांत खट्टे कर बैठे

तारिक़ आज़मी शाम का वक्त हो चला था। किचेन में इफ्तार के लिए तैयारियों का जोरो शोर था। पकौड़ी, घुघनी,…

3 years ago

ईद पर मेरा कपडा सिलो….! दर्जी बोला नही सिल सकते….! फिर क्या था? अना हुई शिकार और ईहे बात पर हो गई दालमंडी के खजूर वाली मस्जिद के पास चपक के “ढिशुम-ढिशुम”

तारिक़ आज़मी वाराणसी: अगर लड़ना है तो फिर दाल में नमक तेज़। ऐसी कई कहावते आपने सुनी ज़रुर होंगी। मगर…

3 years ago