मथुरा। रवि पाल। रविवार सुबह रिफाइनरी के समीप सिलेंडर से भरे ट्रक में आग लगने की घटना से आस-पास का क्षेत्र दहशत में आ गया था। तथा इस घटना ने शासन-प्रशासन व रिफाइनरी प्रबंधन को भी इस बात का एहसास तो जरूर कराया होगा कि “जब खाली सिलेंडर से भरे हुये ट्रक की आग को बुझाने में उसे भारी मशक्कत करनी पडी, अगर कहीं घटना भरे सिलेंडरो के ट्रक के साथ होती तो उस स्थिति में क्षेत्रीय जनता का ईश्वर ही रखवाला होता”।
आग की घटना होने के 45 मिनट बाद रिफाइनरी की दमकल घटनास्थल पर पहुँच पायी, जबकि रिफाइनरी से घटनास्थल की दूरी कुछ ही मिनटों की है। माना रिफाइनरी पहले अपनी सुरक्षा दुरूस्त करती है। लेकिन इस बात पर आस-पास के क्षेत्र की जनता का नाराज होना भी अपनी जगह जायज है। क्योंकि उनकी सुरक्षा का दायित्व भी तो रिफाइनरी प्रबंधन की जिम्मेदारी है। इस घटना को ध्यान मे रखते हुये रिफाइनरी प्रबंधन को अब कोई ऐसे उपाय करने चाहिए, जिससे क्षेत्रीय जनता खुद को सुरक्षित महसूस कर सके। गर्मीयों के दिनों में आगजनी की घटनाओं मे आशातीत वृद्धि हो जाती है। और आये दिन ऐसी घटनायें होती हैं। जिसके समाधान के लिये रिफाइनरी प्रंबधन को चार-पाँच अतिरिक्त दमकलों की व्यवस्था क्षेत्रीय जनता को विकराल आग व आग की घटनाओं से निजात दिलाने के लिये अत्यंत प्रमुखता से करनी चाहिए। रिफाइनरी प्रबंधन पेट्रोलियम उत्पाद से लाभ कमाने के लिये अपने आस पास के क्षेत्र का उपयोग जिस चतुराई से करता है, तो उसकी सुरक्षा के लिये लाभ का कुछ अंश खर्च करने में भी उसे कोई गुरेज नही होना चाहिए।