कानपुर। इब्ने हसन ज़ैदी। निजी अस्पताल मरीज की मौत को भी कैश करना नहीं भूलते शायद तभी शहर हो या गांव यहाँ बने निजी नर्सिंग होम्स इलाज के नाम लोगो को लूटते है और दिन दूनी रात चौगनी तरक्की करते है । निजी अस्पतालों में मरीज की मौत के बाद लाश को वेंटीलेटर पर रख कर बिल बढ़ाना ये खेल ज्यादातर नर्सिंग होम्स का हो गया है । एक ऐसे ही मामले में मरीज के परिजनों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया तो अस्पताल प्रबंधक ने हगामा कर रही भीड़ को हटाने के लिए उनपर जहरीला केमिकल फिंकवा दिया जिससे उनकी आँखों और शरीर में जलन होने लगी । फिलहाल सूचना पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को पोस्टमार्टम के बाद कार्यवाही करने का आश्वासन देकर शांत कराया ।
कानपुर के सीसामऊ निवासी अशोक कुमार (62) फ़ूड कॉर्पोरेशन ऑफ़ इण्डिया से रिटायर्ड कर्मचारी थे । परिजनों के अनुसार बीती 16 अप्रैल को अशोक कुमार घर में अचानक से बेहोश हो गए तो परिजन उनको लेकर चाँदनी नर्सिंग होम लाए । अस्पताल प्रबंधक डॉ सी के सिंह के इलाज से अशोक दो घण्टे में ठीक हो गए लेकिन अस्पताल की जांचो के बाद डॉ ने उनको लीवर में सूजन की बीमारी बताई और इलाज शुरू कर दिया । एक हफ्ते बिना गेस्ट्रो स्पेशिलिस्ट के अशोक के लीवर का इलाज डॉ सी के सिंह करते रहे जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ती चली गई । परिजनों ने आरोप लगाया कि अशोक कुमार की मौत तीन दिन पहले ही हो चुकी थी लेकिन अस्पताल प्रशासन उनको वेंटीलेटर पर रखकर केवल बिल बढ़ा रहा था और आज अचानक उनकी मौत का कहकर पूरा बिल माँगा । अशोक कुमार की मौत की खबर सुनकर परिजन आक्रोश में आकर अस्पताल में हंगामा करने लगे तो अस्पताल प्रबंधन ने मेन गेट बंद करा दिया । परिजन इसके बाद भी अस्पताल के बाहर धरना देकर बैठ गए तो अस्पताल प्रबंधक ने फार्मलीन नामके केमिकल को पानी में घोलकर भीड़ पर छिड़कवा दिया जिससे आँखों और शरीर में जलन होने लगी । बवाल और हंगामे की सूचना पर करीब 10 थानों की पुलिस फ़ोर्स के साथ अधिकारी भी पहुँच गए और परिजनों को शव के पोस्टमार्टम के बाद कार्यवाही करने का आश्वासन देकर शांत कराया।