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अखिलेश सरकार का प्रयास, प्रशासनिक अमला कर रहा मटियामेट,, आलोक श्रीवास्तव की कलम से।

वाराणसी। प्रदेश की अखिलेश सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को किस प्रकार प्रशासनिक अमले से जुड़े लोग मटियामेट कर रहे हैं इसका अंदाजा लगा पाना नामुमकिन दिख रहा है। चाहे वो प्रशासनिक स्तर पर हो, पुलिस महकमा, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग या शिक्षा का मन्दिर हो सभी जगहों पर भ्रष्टाचार का बोलबाला दिखाई दे रहा है। जिसका जीता जागता उद्धाहरण 8 मार्च महिलाओं को स्वावलंबी बनाये जाने हेतु प्रदेश सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना रानी लक्ष्मी बाई आशा ज्योति केन्द्र का शुभारम्भ प्रदेश के 11 जनपदों में किया। जहाँ सरकार ने प्रदेश की महिलाओं को एक ही छत के नीचे न्याय दिलाने का वादा किया। लेकिन अखिलेश सरकार द्वारा किये गए सारे प्रयास केवल कागजी कोरम पूरे करते दिखाई दे रहे हैं।
        बताते चलें कि ऐसा ही एक मामला गुरूवार को देखने को मिला जहाँ एक पीड़ित महिला एसएसपी कार्यालय पंहुची। एसएसपी के कार्यालय में मौजूद न होने के कारण वह सड़क पर ही बैठ कर रों रही थी। तभी मीडिया कर्मियों की नजर उस महिला पर पड़ी तो उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुए महिला हेल्प लाइन 181 को सूचित करते हुए मामले की जानकारी जिला प्रोबेसन अधिकारी प्रभात रंजन को दी। सूचना मिलते ही रानी लक्ष्मी बाई आशा ज्योति केन्द्र की रेस्क्यू वैन पंहुची और महिला को आशा ज्योति केन्द्र ले गयी। आशा ज्योति केन्द्र की टीम द्वारा जब वहां तैनात महिला सब इंस्पेक्टर आलिया बानो के साथ केन्द्र की संध्या व खुशबू सिंह पं. दीनदयाल चिकित्सालय के ट्रामा सेन्टर में मेडिकल कराने गयीं तो वहां तैनात चिकित्सक ने मेडिकल करने से इंकार कर दिया। जिसकी सूचना जिला प्रोबेसन अधिकारी को उनके द्वारा दिए जाने पर उन्होंने तत्काल सीएमओ से बात कर महिला चिकित्सालय मेडिकल के लिए भेजा। महिला चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक द्वारा मेडिकल किये जाने से इंकार करते हुए सब इंस्पेक्टर से अभद्रता की। इस दौरान वहां मौजूद  इस प्रतिनिधि ने जब सीएमओ से वार्ता कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया तो मेडिकोलीगल के लिए तैनात चिकित्सक वहां पंहुचीं और कहा कि यहाँ केवल गैंगरेप व रेप का मेडिकल होता है मारपीट का नहीं और उन्होंने पीड़ित महिला की जांच कर आशा ज्योति केन्द्र की सब इंस्पेक्टर द्वारा दिए प्रार्थना पत्र पर की गयी जांच लिख कर दे दी। इस दौरान शोसल मीडिया पर खबर वायरल होने लगी तो रोहनिया थानाध्यक्ष ने मीडिया कर्मियों पर ही साजिश किये जाने की बात कही जाने लगी।
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