फरीदाबाद (ब्यूरो रिपोर्ट): आपने देखा होगा की पुलिस वाहन चालकों का खासतौर पर बाइक वालों का धड़ाधड़ चालान काट देते हैं, कभी कभी जिन्हें चालान काटने का अधिकार प्राप्त नहीं है वे भी वाहन चालकों का चालान काटकर उनपर अपना रौब झाड़ते हैं। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा में मोटर वाहन अधिनियम के तहत पुलिसकर्मियों को चालान काटने की शक्ति नहीं है। कोई भी थाना और चौकी का पुलिस कर्मी किसी वाहन चालक का चालान काट ही नही सकता है।
आप भी जाने क्या है लफड़ा
हरियाणा में मोटर वाहन अधिनियम (एमवी एक्ट) के तहत हरियाणा पुलिस ने पिछले वर्ष वाहन चालकों के चालान काट कर 46 करोड़ रुपए वसूले थे। इस पर आरटीआई कार्यकर्ता एके बहल ने आरटीआई के जरिये पुलिस विभाग के जनसूचना अधिकारी से सवाल पूछा कि पुलिसकर्मी किस शक्ति के तहत चालान काटते हैं। सूचना अधिकारी ने पहले तो गलत जानकारी दी। जब आरटीआई कार्यकर्ता ने ‘द हरियाणा मोटर वाहन नियम 1993’ के गजट नोटिफिकेशन की प्रति लगाते हुए पुन: जानकारी लेनी चाही तो गोलमोल जवाब दिया। अब प्रदेश सूचना आयोग ने सूचना अधिकारी को नोटिस दिया है। पूछा है कि गलत और अधूरी जानकारियां देने की एवज में क्यों ना उन पर 25 हजार का जुर्माना लगाया जाए। एक्टिविस्ट का दावा है कि हरियाणा में मोटर वाहन अधिनियम के तहत पुलिसकर्मियों को चालान काटने की शक्ति नहीं है।
क्या है एचएमवीआर का प्रारूप
सरकार द्वारा जारी 29.10.2003 के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार ‘द हरियाणा मोटर वाहन नियम 1993’ के अध्याय-12 में क्रम संख्या 224, 225 और 226 में सेक्शन 213 के इस बात का जिक्र किया गया है कि यातायात नियंत्रण, संचालन और उल्लंघन पर कार्रवाई का अधिकार किसे है। इसमें साफ है कि यातायात संबंधी संपूर्ण कार्रवाई स्टेट ट्रांसपोर्ट कंट्रोलर, सहायक/संयुक्त ट्रांसपोर्ट कंट्रोलर, सहायक/संयुक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरियाणा हाईवे पेट्रोल एवं रोड सेफ्टी के पास है।
अब दूसरी बार होगी सूचना आयोग में सुनवाई
मांगी गई सूचना के एवज में 1 जून 2016 को प्रदेश सूचना आयोग की सूचना आयुक्त उर्वशी गुलाटी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करेंगी। इसमें जनसूचना अधिकारी को जवाब दाखिल करना है कि चालान किन शक्तियों के तहत काटा जा रहा है। 5 अप्रैल 2016 को भी सुनवाई हो चुकी है।
क्या कहना है पुलिस अधिकारीयों का
जितेश मल्होत्रा, एसीपी हेडक्वार्टर एवं जन सूचना अधिकारी, पुलिस विभाग से जब इस मामले में बात करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने बताया कि मुझे जानकारी नहीं है। इन दिनों मैं किसी अन्य मामले की जांच में हूं। बतौर जन सूचना अधिकारी जो सूचना उपलब्ध हुई होगी, वह दी गई होगी।
फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर हनीफ कुरैशी ने क्या कहा?
हरियाणा के पुलिस आयुक्त हनीफ कुरैशी से जब इस मामले में बात की गयी तो उन्होंने बताया की पुलिस तो एमवी एक्ट के तहत ही चालान काटती है। एमवी एक्ट में पुलिसकर्मियों को चालान काटने की शक्तियां प्रदत्त है या नहीं, ये तो मैं उसे पढ़कर ही बता सकता हूं। लेकिन जैसा कि आरटीआई का हवाला दिया है, यदि ऐसा है तो गजट नोटिफिकेशन में संशोधन हो सकता है। यह सरकार के स्तर का मामला है।
आरटीआई एक्टिविस्ट एके बहल ने क्या कहा?
आरटीआई एक्टिविस्ट एके बहल जिन्होंने इस मामले का खुलासा किया है उनका कहना है की जब मैंने सड़क के किनारे दसवीं जमात पास हवलदार को धड़ाधड़ चालान काटते देखा तो उन्हें इस मामले की जानकारी हासिल करने का विचार आया, वह हवालदार जिसके पास हेलमेट और दस्तावेज पूरे थे, उसका भी चालान काट दिया, बाइक चालक का चालान ड्राइविंग विदआउट सीट बेल्ट के आरोप में काट दिया। यही सब देखकर मैंने पता करना चाहा कि हवालदार के पास चालान काटने की शक्ति है या नही। उन्होंने बताया कि मुझे आरटीआई से जो जानकारी प्राप्त हुई है उसके अनुसार हरियाणा में पुलिस को चालान काटने की शक्ति प्राप्त नहीं है।