आगरा: कलक्ट्रेट से चंद कदमों की दूरी पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। अनार के जूस में अखाद्य रंग मिलाकर बेचा जा रहा था। दानों को लाल रंग में रंगा जा रहा था। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की टीम ने शनिवार को छापा मारकर इसका भंडाफोड़ किया। बिना लाइसेंस के अवैध कारोबार कर रहे दुकानदारों की दुकानें बंद करा दी गई हैं। अनार के दाने व रंग के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
एफएसडीए को कलक्ट्रेट चौराहा स्थित जूस की दुकानों पर अनार के दानों में रंग मिलाकर रखने और उसका जूस बनाकर बेचे जाने की शिकायत मिल रही थी। शनिवार दोपहर करीब 12:30 बजे अभिहित अधिकारी रामनरेश यादव और मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी सर्वेश मिश्रा के नेतृत्व में टीम ने वैष्णो जूस और आशीष जूस कॉर्नर के यहां कार्रवाई की। शिकायत सही मिलने पर टीम ने यहां से अनार के दानों और जूस में मिलाए जाने वाले रंग के सैंपल लिए। कार्रवाई में मैंगो शेक बनाने को काटकर रखे गए सड़े-गले आम टीम ने फिंकवा दिए। टीम को दोनों दुकानदार लाइसेंस भी नहीं दिखा पाए।
अभिहित अधिकारी रामनरेश यादव ने बताया कि दोनों दुकानदार बिना लाइसेंस के अवैध कारोबार करने के साथ मिलावटी जूस बेचकर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे थे। नमूने जांच के लिए भिजवाए गए हैं। जनस्वास्थ्य को देखते हुए इनके कारोबार को बंद कराने के निर्देश दिए हैं।
दो साल की हो सकती है सजा
जूस में रंग नहीं मिलाया जा सकता है। दुकान से लिए गए रंग के नमूने को जांच के लिए भेजा गया है। विभागीय अधिकारी उसके पोस्टर कलर होने से इन्कार कर रहे हैं। जांच में अगर वह अखाद्य रंग पाया जाता है, तो दुकानदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसमें दोषी को दो साल की सजा व पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
एक सप्ताह पूर्व दी थी चेतावनी
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के एक अधिकारी कुछ दिनों पूर्व जूस पीने दुकान पर गए थे। जब उन्होंने जूस में कलर मिलाते हुए देखा, तो दुकानदारों को ऐसा न करने की चेतावनी दी थी, मगर दुकानदारों ने इसे अनसुना कर दिया। शिकायत के बाद शनिवार को कार्रवाई की गई।
ग्राहक के रूप में पहुंची टीम
दोनों दुकानों पर एफएसडीए की टीम छापे से पूर्व ग्राहक के रूप में पहुंच गई थी। पहले उन्होंने जूस के ऑर्डर दिए, जब अभिहित अधिकारी और रामनरेश यादव और मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी सर्वेश मिश्रा दुकान पर पहुंच गए, उसके बाद कार्रवाई शुरू की गई।
जूस में नहीं मिला सकते हैं रंग
भारत सरकार ने मानव स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खाद्य पदार्थो में रंग मिलाने के मानक तय किए हैं, जिनके अनुसार जूस में किसी भी तरह का रंग नहीं मिलाया जा सकता है। मिठाइयों में भी 200 पीपीएम तक ही खाद्य रंग मिलाया जा सकता है, इससे अधिक रंग की मात्रा मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। जनता को सावधानी बरतते हुए मिठाई में रंग की मात्रा अधिक होने पर उसे खरीदना नहीं चाहिए।