लखनऊ।पुलिस कांस्टेबिल भर्ती को पारदर्शी बनाने के लिए की गई हाईटेक व्यवस्था में भी छत्तीसगढ़ के दारोगा ने सेंध लगा दी। मूल रूप से मथुरा के रहने वाले दारोगा ने रेसर्स का नेटवर्क तैयार किया। ऊंची मैरिट वाले अभ्यर्थियों को वह 50-60 हजार रुपये में रेसर दिलाने लगा। पकड़ से बचने के लिए वह अभ्यर्थी से मिलती-जुलती शक्ल-सूरत वाले रेसर को ही भेजता था। दौड़ से पहले पकड़े गए ऐसे दो फर्जी रेसर देवेंद्र सिंह और अजय कुमार ने गिरोह का खुलासा किया है।
पकड़े गए फर्जी अभ्यर्थी देवेंद्र सिंह निवासी गांव बना, मथुरा ने पुलिस को बताया कि वह ओम प्रकाश की जगह दौडऩे आया था। अलीगढ़ के थाना मडराक के गांव शाहपुर निवासी ओम प्रकाश की जगह उसे दौड़ाने का ठेका मथुरा निवासी प्रदीप सिंह ने दिया था। दौड़ के 200 में से 194 नंबर लाने पर उसे 50 हजार रुपये मिलने थे।
वहीं, हाथरस के थाना कोतवाली देहात के बालाजीपुरम निवासी अजय कुमार ने बताया प्रदीप ने अरविंद अत्री की जगह दौडऩे के लिए उसे 60 हजार रुपये देने को कहा था। अलीगढ़ के थाना खैर के गांव भरौल निवासी अरविंद अत्री ने 190 से अधिक नंबर लाने की शर्त रखी थी।
दारोगा के ताऊ का ट्रेनिंग सेंटर
दोनों युवकों ने पुलिस को बताया प्रदीप सिंह छत्तीसगढ़ पुलिस में एएसआइ है। उसके बारे में और विवरण जुटाया जा रहा है। प्रदीप का ताऊ मथुरा में ट्रेनिंग सेंटर चलाता है। पुलिस भर्ती में फर्जी अभ्यर्थियों को दौड़ाने के लिए वह ताऊ के सेंटर में पढऩे वाले छात्रों के माध्यम से संपर्क करता था। बुधवार को पकड़े गए फर्जी रेसर्स से कोचिंग सेंटर के रामू और श्यामू ने संपर्क किया था।
भर्ती बोर्ड के नोडल अधिकारी एसपी ट्रैफिक राजेश कुमार सिंह ने बताया प्रदीप सिंह के बारे में और पता किया जा रहा है। पकड़े दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
फर्जी अभ्यर्थी ने खुद भी किया था आवेदन
पकड़े गए देवेंद्र ने खुद भी पुलिस भर्ती में शामिल होने के लिए आवेदन कर रखा है। उसकी शारीरिक दक्षता परीक्षा 11 मई को दौड़ होनी थी। इसका हवाला देकर वह छोडऩे की गुहार लगाता रहा।
अब तक नौ फर्जी अभ्यर्थी हो चुके गिरफ्तार
18 अप्रैल से शुरू हुई पुलिस भर्ती में अब तक नौ फर्जी अभ्यर्थी गिरफ्तार हो चुके हैं। इसमें 23 अप्रैल को कृष्ण कुमार की जगह हरिओम निवासी सादाबाद, अजय सोलंकी की जगह उधम सिंह निवासी खैर अलीगढ़ और प्रमोद कुमार की जगह दौडऩे आए राहुल निवासी थाना गंगीरी अलीगढ़ को पकड़ा गया था। जबकि 22 अप्रैल को पुष्पेंद्र और योगेश कुमार को गिरफ्तार किया था। वहीं 19 अप्रैल को अजय यादव की जगह विजय यादव और उधम सिंह की जगह राहुल सिंह दौडऩे आया था।