नोएडा (कुलदीप)। यूपी विधानसभा चुनाव को एक साल से भी कम वक्त बचा है। ऐसे में चुनाव करीब आता देख अखिलेश यादव सरकार महिलाओं पर मेहरबान हो गई है। समाजवादी पार्टी सरकार ने एलान किया है कि राज्य सरकार के कर्मियों की तलाकशुदा पुत्री को पेंशन का लाभ मिलेगा। ग्रुप ए से लेकर डी तक के सभी कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा। सरकार की ओर से इस बाबत शासनादेश जारी कर दिया है।
इससे पहले लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अखिलेश सरकार ने एक बड़े फैसले के तहत कर्मचारियों व पेंशनरों के फैमली पेंशन की पात्रता सूची में अब एक जनवरी 2006 के पहले वाले कर्मियों व पेंशनरों की अविवाहित, विधवा व तलाकशुदा बेटियों को भी शामिल कर लिया था।
अब ताजा फैसले में पुरुष कर्मचारी की मृत्यु के बाद पत्नी को पेंशन दी जाएगी, उसके बाद पुत्री पेंशन का लाभ उठा सकेगी। बताया जा रहा है कि वर्ष 2005 से पहले की तैनाती वाले कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। वर्ष 2005 के बाद प्रदेश में पेंशन की व्यवस्था खत्म कर दी गई है, ऐसे में इसके बाद नियुक्त कर्मियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा
इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि तलाकशुदा बेटी को भी मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पाने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि मृतक आश्रित कोटे में अविवाहित और तलाकशुदा बेटी को नौकरी दी जा रही है तो तलाकशुदा बेटी को इस कोटे में नौकरी न देना अन्याय है।
कोर्ट ने आगे कहा था कि विधवा की तरह तलाकशुदा लड़की से भी पति का सहारा छिन जाता है। ऐसे में उसे मायके में सहारा मिलता है।
कोर्ट ने इस संबंध में मृतक आश्रित सेवा नियमावली में परिवर्तन करने की संस्तुति की है। साथ ही प्रमुख सचिव विधि को निर्देश दिया है कि नियम में संसोधन के लिए राज्य सरकार से परामर्श करें। कोर्ट ने नियम में बदलाव के लिए 4 माह का समय दिया था।