वाराणसी: उत्तर प्रदेश में चुनाव के नजदीक आती धमक देखते हुए हर दल और हर पार्टी अपने खेमे को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। समाजवादी पार्टी हो या फिर कांग्रेस और फिर बीजेपी हर दल खुद को बढ़ाकर दिखाने की कोशिश में लगा हुआ हैं। उत्तर प्रदेश में बीजेपी में दबी जुबान में चर्चा चल रही थी कि राजा भैया बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
सपा सुप्रीमों के करीबी माने जाने वाले राजा भैया ने बीजेपी को जोर का झटका दिया है। राजा भैया ने साफ किया है कि वे विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे, लेकिन किसी भी कीमत पर बीजेपी में नहीं जाएंगे। दरअसल, राजनाथ के सीएम कैंडिडेट की चर्चा तेज होने के साथ ही राजा भैया के बीजेपी में जाने की अटकलें तेज हो गई थीं।
जब इलाहाबाद में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक हुई थी तो उस दौरान भी नेता दबी जुबान से यही बात करते देखे गए। सोशल मीडिया पर राजाभैया के बीजेपी की चर्चाओं को जब बल मिला तो प्रतापगढ़ की राजनीति में भू-चाल सा आ गया। इसके बाद राजा भैया ने पहले इंदौर में मीडिया से साफ किया कि वे बीजेपी के साथ नहीं जाने वाले है।
पत्रकारों के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि राजनाथ सिंह उनके करीबी और रिश्तेदार हैं, लेकिन मुलायम राजनीतिक गुरु हैं। ऐसे में उन्हें छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता। इस संबंध में राजा भैया के प्रवक्ता ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि राजा भैया अभी देश के बाहर हैं। उन्होंने साफ किया कि राजा भैया अभी बीजेपी में नहीं जाने वाले।
राजा भैया के प्रवक्ता ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि राजा भैया विपक्ष में बैठने को तैयार हैं, लेकिन सपा का साथ नहीं छोड़ेंगे। राजनीति और व्यक्तिगत संबंध अलग हैं। वे राजनाथ के सारथी कभी नहीं बनेंगे, और सपा का साथ कभी नहीं छोड़ेगे।