नई दिल्ली: कैराना के मुद्दे पर बीजेपी सांसदों और नेताओँ की टीम की रिपोर्ट आ गई है. इस टीम के सदस्य और बीजेपी विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक राधा मोहनदास अग्रवाल के मुताबिक यह पलायन सांप्रदायिक नहीं आपराधिक है और इसमें अधिकारियों, नेताओं और अपराधियों का गठजोड है जो दहशत को हथियार बनाकर रंगदारी का धंधा चमका रहे है.
कैराना के मुद्दे पर बीजेपी सांसदों और नेताओँ की टीम की रिपोर्ट कैराना की बेहद भयावह तस्वीर पेश करती है. रिपोर्ट कहती है कि बीजेपी नेताओँ की टीम ने जो देखा वह रुह कंपा देने वाला है. खास बात यह है कि रिपोर्ट कहती है कि आज हिंदुओँ को निशाना बनाया जा रहा है पर बहुत जल्द मुस्लिम व्यापारियों और वहां रहने वाले दूसरे संप्रदाय के लोगों को भी बख्शा नहीं जाएगा.
बहुत सारे लोग जो यहां से भागने को तैयार हैं वह सुरक्षित ठिकाना न मिल पाने के कारन कैराना में रुके हैं. जेल में बंद मुकीम काला और मेहताब काना, इनाम धूरी समेत 25 लोगों का गैंग है. ये जेल से रंगदारी करते है जो लोग पुलिस में शिकायत लेकर गए उनमें कइयों की हत्या हो गई. पुलिस-प्रशासन से भरोसा उठ गया है. राधामोहन दास अग्रवाल कहते है कि सरकार ने कोई कदम उठाना तो दूर उसे रोकने के लिए भी कुछ नहीं किया. नतीजा यह कि रंगदारी का धंधा पुलिस के संरक्षण में शबाब पर है. पुलिस, अपराधी और राजनेताओं के गठजोड़ से अपराधी दिन दहाड़े गंभीर आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला सिर्फ रंगदारी तक ही सीमित नहीं है. रियल एस्टेट के लिए यह गैंग अपनी दहशत का इस्तेमाल कर रहे हैं. दरअसल लोग सिर्फ इसलिए रुके है कि उनकी प्रापर्टी के सही दाम नहीं लग रहे. ऐसे में यह गैंग लोगों डरा धमका रहा है और इसी दहशत के चलते इस गैंग के ही गुर्गों को लोग औने-पौने दाम पर जमीन बेच कर भाग रहे हैं. यानी दहशत का इस्तेमाल कर कौडियों के दाम खरीद कर यह गैंग अब अरबों बनाने की फिराक में है.
खास बात यह है कि दहशत इतनी ज्यादा है कि लोग अपने पलायन को सामान्य दिखाने पर जुटे है. कोई कहता है कि बेटा गाजियाबाद में है इसलिए वहां जा रहा हूं. कोई दूसरे बहाने बना रहा है. ऐसे इसलिए कि उन्हें पता है कि प्रशासन से लेकर कोई भी उनकी मदद को आगे नहीं आऩे वाला. पुलिस की आंख पर पट्टी है. ऐसे में बोल कर दुश्मनी क्यों मोल लें.
दरअसल यह पूरा मामला किसी एक संप्रदाय से जुडा नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक मामला सांप्रदायिक तब होता जब किसी एक संप्रदाय के आम लोग इसमें शामिल होते. यहां तो अपराधी इशारा कर रहे और सरकारी मशीनरी उसका पालन ऐसे में कोई खास संप्रदाय की दिक्कत नहीं है. बस इतना है कि दिक्कत सबको होनी है किसी को पहले किसी को बाद में. बारी सबकी आऩी है.
यूपी के कैराना पलायन विवाद को लेकर बीजेपी के नेता सवालों के घेरे में हैं. अब इस विवाद का श्रेय लेने की पार्टी में होड़ मच गई है. बीजेपी विधायक संगीत सोम कल कैराना में मार्च करने वाले हैं लेकिन बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने उन्हें आने से मना कर दिया है. संगीत सोम को कैराना में माहौल न खराब करने की नसीहत दे रहे बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने ही सबसे पहले कथित हिंदू पलायन का मुद्दा उठाया था. अब यही संगीत सोम को कैराना आने से रोक रहे हैं.
हुकुम सिंह कैराना पलायन के मुद्दे को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहते हैं. हुकुम सिंह को डर है कि जिस मुद्दे को उन्होंने गरमाया था उसे कोई और न लपक ले. मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी और यूपी के सरधना से बीजेपी विधायक संगीत सोम कल कैराना तक निर्भय यात्रा निकालने का एलान किया है. इसी पर हुकुम सिंह ने संगीत सोम को कैराना ना आने की नसीहत दी है.