नई दिल्ली। जेएनयू और हैदराबाद यूनिवर्सिटी में सरकार के खिलाफ चला छात्रों का बवाल जगजाहिर है। इस मामले में कई छात्रनेताओं की राजनीति चमक गई। लेकिन अब सरकार की एक कमेटी ने छात्रनेताओं पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है।
जेएनयू और सभी कॉलेजों की राजनीति बंद
पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी टीएसआर सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता वाली इस कमेटी ने जेएनयू समेत देशभर के सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति पर बैन लगाने की सिफारिश की है। यह खुलासा एक रिपोर्ट में किया गया है। अब अगर कमेटी की सिफारिशें लागू कर दी गईं तो जेएनयू के कन्हैया कुमार का राजनीतिक करियर दांव पर लग जाएगा।
वैंकैया नायडू ने जताई थी आपत्ति
दरअसल, राज्यसभा जाने से पहले संसदीय कार्यमंत्री वैंकैया नायडू ने भी इस तरह की छात्र राजनीति पर आपत्ति जताई थी। नायडू ने कहा था कि यूनिवर्सिटी पढ़ाई के लिए होती है। इसे बनाने में आम जनता का पैसा लगता है। इसलिए बेहतर होगा कि छात्र पढ़ाई पर ध्यान दें, राजनीति पर नहीं। अगर राजनीति ही करनी है तो पढ़ाई छोड़ दें।
इसके बाद टीएसआर सुब्रह्मण्यम की कमेटी ने यह सिफारिश की है। कमेटी ने कहा है कि किसी भी यूनिवर्सिटी कैम्पस में राजनीतिक बवाल से तनाव की स्थिति बन जाती है। कुछ राजनीतिक छात्रों की वजह से अन्य छात्रों की पढ़ाई भी डिस्टर्ब होती है। अपनी इस रिपोर्ट के आधार पर कमेटी ने तमाम सिफारिशें की हैं। इनमें से कुछ अहम सिफारिशें यह हैं।
कैम्पस में किसी तरह की छात्र राजनीति खत्म हो शैक्षिक संस्थानों को स्पष्ट रूप से जाति और धर्म के आधार पर छात्र समूहों को हतोत्साहित करने पर विचार करना चाहिए। कैम्पस में किसी भी तरह की छात्र राजनीति को खत्म किया जाना चाहिए। कॉलेज कैम्पस में राजनीति करने वाले छात्रों को जगह न दी जाए। कई वर्षों से कॉलेज या यूनिवर्सिटी में जमे ऐसे छात्रों पर बैन लगा दिया जाए।