संजय/यशपाल
मऊ। आरक्षण मुक्त भारत का सपना देखने वालों की मंशा कभी पूरी नहीं होने देंगे। इसके लिए सड़क से लेकर संसद तक विरोध किया जाएगा। दलित पिछड़ा और अल्पसंख्यक किसी भी दशा में आरक्षण विरोधियों को वोट न करें। जो हमारे हक की बात करेगा, उसी का हाथ मजबूत करेंगे। चाहे इसके लिए कितनी भी कीमत चुकानी पड़े। इसके लिए हमे तैयार रहने की जरूरत है। यह कहना है आरक्षण बचाओं संघर्ष समिति के अध्यक्ष इंजीनियर आरपी सिंह का। वह शनिवार को पालिका कम्युनिटी हाल में संगठन के मंडलीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में आरक्षण विरोधियों को हराने का कार्य करें। उन्होंने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट की चर्चा की। कहा कि मुसलमान शिक्षा व नौकरी में अत्यंत पीछे हैं। विश्वविद्यालयों में एसोसिएट प्रोफेसर व प्राफेसरों की नियुक्ति में एससी व ओबीसी का कोटा नहीं दिया जा रहा है। पूर्व सांसद आस मोहम्मद अंसारी ने कहा कि पिछडा़ वर्ग व अल्पसंख्यक किसी के बहकावे में नहीं आएं। प्रदेश में दलित उत्पीड़न की घटनाएं रुक नहीं रही। कहा कि जब तक देश व प्रदेश में आरक्षण समर्थक सरकार नहीं बनेगी, तब तक बाबा साहब द्वारा बनाई गई संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा नहीं की जा सकती। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रेमनाथ ने कहा कि केंद्र की सरकार आरक्षण पर लगातार कुठाराघात कर रही है। पदोन्नति संबंधी विधेयक पर चुप्पी साधे रहने से आरक्षण समर्थकों को यह संदेश मिल गया है कि मोदी सरकार यह विधेयक पास कराना नहीं चाहती। इस अवसर पर प्रांतीय सचिव लाल बहादुर, मंडल अध्यक्ष सुनील दत्त, सूबेदार राजभर, मनोज कुमार, पारस नाथ, रमेशचंद, दयाशंकर, अंजनी, विनोद भारती, मुकुल, विजय कुमार, संतोष अजय कुमार, संजय, अमरनाथ, रामसेवक आदि मौजूद थे।