पलिया कलां (खीरी)= जहाँ जाये भुखा वहाँ पड़े सुखा !कुछ ऐसी ही कहावत सिद्ध हो रही है हमारे नगर के लिए न जाने कितने ऐसे मार्ग है जो अपनी हालत पर रो रहे हैं जिन्हें पर निकलने में लोगों को एक बार सोचना पड़ जाता है और उन मार्गो की वजह से लोगों को कितनी परेशानी उठानी पड़ रही है पर उस ओर हमारी नगर पालिका प्रशासन ध्यान देना उचित नही समझ रही है परंतु बने हुये मार्गो को तुडवाकर फिर से बनवाना जरूरी हो गया मतलब जहाँ पर जिस चीज की जरूरत है वह होना नहीं और जहाँ पर जरूरत नहीं वहाँ कार्य हो रहा है ।
उल्लेखनीय है कि पलिया नगर में न जाने कितने मार्ग ऐसे हैं जो बिल्कुल ध्वस्त हो चुके है और बहुत से ऐसे मार्ग हैं जहाँ आज भी बस कच्चे मार्ग बने हुए हैं ।नगर के मोहल्ला इकराम नगर माहीगिरान, मोहल्ला पठान , मोहल्ला काकूपुरियान (गडरिया )जैसे न जाने कितने मोहल्ले ऐसे है जिनके मार्गो का हाल बहुत ही बुरा हो रहा है पर वह अभी तक अधर में लटकी हुई हैं जिन पर किसी का ध्यान जाता ही नहीं है ऐसे ही नगर का मुख्य मार्ग दुधवा चौराहा जिनके मार्ग के बीचो बीच एक पिलर बनाया गया था जो अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है न जाने कितनी बार उससे वाहन टकरा जाते हैं । पलिया के मोहल्ला बाजार हनुमान मठिया मंदिर के पास जहाँ अभी बिल्कुल सही मार्ग है जो आर सी सी बनाया गया था जो अभी तक मजबूत है परंतु उसे तोड़कर दोबारा बनाने की तैयारी होने लगी है जाहिर है कि उसमें मोटी रकम मिलने वाली है परंतु इसमें राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।