तान्या साहू की कलम से
लखनऊ – शिवपाल सिंह यादव की सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव से मुलायम की मुलाकात के बाद चर्चाओं के दौर के बीच शिवपाल ने सरकार से इस्तीफा दे दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार और सपा के बीच घमासान में लगातार बदलते घटनाक्रम के बीच शिवपाल सिंह यादव ने आज रात सरकार और सपा के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले शिवपाल ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की है।
ज्ञातव्य हो कि शिवपाल यादव सपा सरकार में पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, समाज कल्याण जैसे कई प्रमुख विभागों के मंत्री रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उनसे सारे महत्वपूर्ण विभाग छीन लिए थे। उसी दिन सपा मुखिया ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौपीं थी। बदलते घटनाक्रमो के बीच आज लंबी बातचीत के दौर चलने के बाद उन्होंने त्यागपत्र दे दिया।
सरकार तथा पार्टी के बीच कोई मतभेद नहीं : राम गोपाल
विदित हो कि मुलायम सिह आज सुबह लखनऊ पहुंच गये थे। मुलायम सिंह यादव को लखनऊ में कल संसदीय दल की बैठक में भाग लेना है। फिलहाल इस मुलाकात को लेकर कयासों के दौर जारी रहे। आज दिल्ली से लखनऊ रवाना होने से पहले सपा के कुछ नेताओं के साथ भेंट करने के बाद मुलायम सिंह यादव ने मीडिया से बात की थी। दिल्ली में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि शिवपाल सिंह हमेशा खुशमिजाज रहते है। हमने उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाने का यह फैसला रामगोपाल से मिलकर लिया है। शिवपाल सिंह यादव जमीनी नेता है।
मुलायम से मुलाकात के बाद इस्तीफा
फिलहाल आज सपा के सूरमाओं और शिवपाल के बीच क्या बात हुई यह तो पता नहीं लेकिन मुलायम की मुलाकात का असर यह हुआ कि करीब साढ़े सात बजे शिवपाल यादव खुद मुख्यमंत्री से मिलने उनके घर चले गये। अक्सर पहले भी मनमुटाव रहते हुए कभी अखिलेश शिवपाल के घर गये तो कभी शिवपाल अखिलेश के घर। इस बार माना जा रहा था कि शिवपाल अपने हठ पर कायम रहेंगे लेकिन उनके मुख्यमंत्री आवास जाने से एक संदेश जरूर निकला कि कुनबे की कलह सुलह में बदलने वाली है। हालांकि रामगोपाल ने कहा था कि वह सुबह छह बजे जाएंगे लेकिन मुलायम के आते ही वह सैफई चले गये।
तो फिर क्या अमर सिंह पर गिरेगी गाज
प्रोफेसर रामगोपाल ने कहा कि जो कुछ फैसले हुए सब नेताजी ने किए। शिवपाल ने कहा कि किसी की हैसियत नहीं जो नेताजी की बात टाल दे। अखिलेश पहले से ही नेताजी की छांव में हैं। फिर इस सवाल का जवाब नहीं निकल सका कि कलह क्यों है। जब सभी फैसले नेताजी के हैं और सभी उनकी बात मानने को तैयार हैं तो दिक्कत कहां है। बाहरी के नाम पर अमर सिंह को परिवार ने निशाना बना दिया है। इसकी भूमिका अखिलेश ने लिखी और रामगोपाल ने इसे विस्तार दे दिया। उधर शिवपाल ने अमर सिंह के प्रति जो भावना उड़ेली उससे साफ है कि टकराव के केंद्र में अमर सिंह भी हैं। अटकलें यह हैं कि क्या कलह पर पटाक्षेप के लिए अमर सिंह पर तलवार गिरेगी। संकेत तो राम गोपाल ने दे दिया है लेकिन शिवपाल-अखिलेश की मुलाकात से कुछ और भी समीकरण बनने के संकेत मिले हैं।
अखिलेश के तेवर बरकरार
अखिलेश यादव ने अपने तेवर बरकरार रखे हैं। प्रोफेसर राम गोपाल यादव हों या शिवपाल सिंह यादव सभी अखिलेश से मिलने गए। सूत्रों का कहना है कि अखिलेश ने एक बात साफ कर दी है कि वह कोई बेजा दबाव बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसी दागी को महत्व नहीं देंगे और बिचौलियों का हस्तक्षेप भी स्वीकार नहीं करेंगे।