मुंबई : 16 साल पहले बैंकॉक में छोटा राजन को गोलियां मारने वाले शूटर मुन्ना झिंगाडा को मुंबई वापस लाने में अभी और वक्त लगेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को एनबीटी को यह जानकारी दी। पिछले सप्ताह जब डीसीपी मोहन दहिकर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम बैंकॉक गई थी, तो माना जा रहा था कि शायद यह टीम अपने साथ मुन्ना झिंगाडा को भी लाए, पर क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि मुन्ना से जुड़ा केस वहां की कोर्ट में है, इसलिए हम कोर्ट में अपना पक्ष मजबूत करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज लेकर वहां गए थे। मुन्ना झिंगाडा का पूरा नाम सैयद मुजक्किर मुदस्सर हुसैन है।
पर बैंकॉक शूटआउट के बाद जब वह गिरफ्तार हुआ था, तो उसके पास मोहम्मद सलीम के नाम से पाकिस्तानी पासपोर्ट मिला था। उसी पासपोर्ट के आधार पर पाकिस्तान उसके अपना नागरिक होने का दावा कर रहा है। क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि मुंबई पुलिस अपना केस बैंकॉक में भारतीय दूतावास के जरिए लड़ रहा है। भारतीय दूतावास का पक्ष कोर्ट में अटार्नी जनरल रखते हैं। कोर्ट ने कुछ दिनों पहले कुछदस्तावेजों के स्पष्टीकरण के लिए अटार्नी जनरल से सवाल किए थे।अटार्नी जनरल ने भारतीय दूतावास के जरिए मुंबई क्राइम ब्रांच से संपर्क’किया। इसी के बाद मराठी के कुछ दस्तावेजों का अंग्रेजी में अनुवाद करवाया गया और वहां भारतीय दूतावास को सौंपा गया। अब इन दस्तावेजों को बैंकॉक की कोर्ट को दिया जाएगा।हालांकि बैंकॉक शूटआउट में कई लोग शामिल थे, पर शूटर मूल रूप से तीन थे। बैंकॉक में ऐसा नियम है कि किसी आरोपी को किसी केस में जितनी सजा सुनाई जाती है, यदि उसने उसकी आधा सजा पूरी कर ली, तो फिर शेष सजा के लिए उसे उसके देश सौंप दिया जाता है। इसी के तहत पाकिस्तान व भारत के एक-एक शूटर को करीब छह साल पहले बैंकॉक से पाकिस्तान व भारत को भेजा जा चुका है। पर चूंकि मुंबई के मुन्ना झिंगाडा के पाकिस्तानी होने कापाकिस्तान झूठा दावा कर रहा है, इसलिए