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सुहाग की निशानी बेचकर बनवाया शौचालय ,सुलभ इंटरनेशनल एनजीओ ने किया सम्मानित

समीर मिश्रा/ मनीष गुप्ता
कानपुर – सुहाग की निशानी बेच कर बनवाया था शौचालय ,प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी के स्वछता अभियान से लता को मिली थी प्रेरणा जहा सोच वहा शौचालय l इस सराहनीय कार्य पर सुलभ इंटनेशनल एनजीओ ने प्रधानमन्त्री के जन्मदिन के मौके पर लता को एक गोल्ड मैडल ,दो लाख की चेक व् साल भेट कर नई दिल्ली में सम्मानित किया गया है l इतना ही नही एनजीओ ने स्व्चता के दूत नाम से प्रकाशित होने वाली किताब में लता की कहानी को प्रमुखता से प्रकाशित किया है l

बिधनू ब्लाक के बिधनू गाँव में रहने वाली बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है जिसके पास शौचालय बनवाने के लिए रूपए नही थे l लता के पति बाबू राम मजदूरी करते है परिवार में तीन बेटिया थी कंचन ,लक्ष्मी और शारदा तीनो बेटियों की शादी हो चुकी है l एक बेटा है राम जो हाईस्कूल में है l लता बचपन से ही बहुत संघर्सशील रही है l लता देवी दिवाकर का मायका भी बेहद गरीब था ,जिसकी वजह से पढ़लिख नही पाई l लता के पिता देवीदिन ने बिधनू के रहने वाले बाबुराम से शादी कर दी l ससुराल भी लता को संघर्स करना पड़ा वह कपडे धुल कर लोगो के कपड़ो में प्रेस कर परिवार का पालन पोषण करती थी l
लता के मुताबिक के मेरा सपना था कि मेरे घर में भी शौचालय हो लेकिन तीन बेटियों की शादी करनी थी l जिसकी वजह से कभी पैसा नही जोड़ पाई ,जब बेटिया घर के बाहर शौच के लिए जाती थी तो हर वक्त चिंता बनी रहती थी कही कोई अनहोनी न घट जाये l जब भी घर से बाहर शौच के लिए जाते तो शर्म का सामना करना पड़ता था l कई बार अपने पति से शौचालय के लिए जिद की लेकिन वह परेशान होने की वजह से शौचालय नही बनवा पा रहे थे l
लता ने बताया कि जब मैंने टीवी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र को स्वछता के ले अभियान चालते देखा व् घर-घर शौचालय की बात कहते देखा तो मुझे अन्दर से यह अहसास हुआ की अब कुछ भी मुझे अपने घर अपना शौचालय बनवाना है l
लता ने बताया कि मैंने अपने सुहाग की निशानी मंगल सूत्र ,कान के  झुमके जो मुझे मेरी सास ने दिए थे l एक भैस के बछड़े को बेच दिया l इसी वर्ष मई माह में अपने घर में शौचालय का निर्माण कराया और 25 मै को शौचालय बनकर तैयार हो गया था  l तब जाकर मुझे शांति मिली ,मैंने सोचा जो मैंने सहा है उसको मेरी बहु व् मेरी आने वाली पीढ़ी न सहे l
उन्होंने बताया कि मै शौचालय के लिए बार अपने पति के साथ शौचालय के लिए ब्लाक गई l लेकिन मेरी वहा पर सुनवाई नही हुई l फिर मैंने स्वयं ठाना की अब मुझे शौचालय हर हाल में बनवाना है
उन्होंने बताया कि जब यह बात मिडिया को पता चली तो सभी ने इसे प्रमुखता से छापा l जिसकी वजह से मेरे गाँव व् रिश्तेदारों ने भी खूब तारीफ की l लेकिन अब मै भी लोगो को शौचालय के लिए प्रेरित करती हूँ l मेरी प्रेरणा से अब तक गाँव व् रिश्तेदारों ने दो दर्जन से अधिक लोगो ने शौचालय बनवा लिया है l
लता के मुताबिक जब मैंने अपनी तीनो बेटियों की शादी की तो पहले यह पता कर लिया की उनके घर में शौचालय है या नही l कई ऐसे भी बेटियों के रिश्ते थे जिनके घरो में शौचालय नही थे तो उन घरो में मैंने बेटियों के रिश्ते नही किए l
इसके बाद एक टीम दिल्ली से आई वह टीम हम लोगो अपने साथ दिल्ली ले गई l दिल्ली में 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन होता l उसी वहा पर एक बहुत कार्यक्रम था जिसमे मुझे व् कुछ और लोगो गोल्ड मैडल ,दो लाख की चेक व् साल दे कर समान्नित किया गया ।
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