आफताब फारुकी
लखनऊ । स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए चुनाव आयोग ने बीते तीन महीनों में स्थानांतरित किए गए पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की सूची तलब कर ली है। कई जिलों के डीएम और एसपी-एसएसपी उसकी नजर में खटक गये हैं। इनकी शिकायत पहुंची है। इनमें बहुत से अफसरों के तबादले हाल में जल्दी-जल्दी किये गये हैं। इन पर आयोग का डंडा भी चल सकता है। करीब 20 जिलों के डीएम और एसपी के हटाए जाने की सुगबुगाहट है। 12 से 15 जनवरी को चुनाव आयोग लखनऊ में होगा, इसके बाद ही कार्रवाई शुरू होगी।
दो आइजी भी निशाने पर।
भाजपा ने पुलिस और शासन में ऊपर से नीचे तक कुछ अफसरों की तैनाती पर एतराज किया है। आरोप है कि ये अफसर समाजवादी सरकार के प्रति ज्यादा निष्ठावान हैं। आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ, बाराबंकी, सहारनपुर, अलीगढ़, बरेली, शाहजहांपुर, झांसी, आगरा, बागपत, मैनपुरी, रामपुर, गौतमबुद्धनगर समेत कई अन्य जिलों के डीएम आयोग के निशाने पर हैं। इनको हटाए जाने का फरमान जारी हो सकता है। रामपुर, गोरखपुर, इलाहाबाद, गौतमबुद्धनगर, सहारनपुर, अलीगढ़, श्रावस्ती, सीतापुर, खीरी, झांसी, प्रतापगढ़ समेत कई जिलों के एसपी-एसएसपी को हटाया जा सकता है। सहारनपुर में तैनात एसपी को कुछ महीनों के अंतराल में दूसरी बार तैनात किया गया है। दो जोनल आइजी भी आयोग के निशाने पर हैं।
आयोग को सपा से जुड़े अफसरों की सूची।
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने सोमवार को चिन्हित अफसरों की सूची चुनाव आयोग को सौंपने का फैसला किया है। नूतन ठाकुर ने शुक्रवार को मेल जारी कर बताया कि वह सोमवार को राज्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय जाकर उन आइएएस और आइपीएस अफसरों की सूची सौंपेगी जो सपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। नूतन का कहना है कि जिन अफसरों के रहते निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता उन्हें हटाए जाने के लिए वह जागरूक नागरिक के तौर पर पहल करेंगी। वह हर ऐसे अफसर के बारे में आरोप लगाने का कारण और साक्ष्य भी प्रस्तुत करेंगी।