सुदेश कुमार
बहराइच/रिसियामोड़ : सरयू का तट हो या घाघरा का। या फिर किसी और नदी का। इन तटों पर गुलजार हो रही हैं खनन माफियाओं की मंडी। भोर होते ही इन तटों पर खनन करने वाले मजदूरों, ट्रैक्टर-ट्राली व ट्रकों की आवाजाही शुरू हो जाती है। नदी के किनारों के अलावा खेतों में भी अवैध खनन बेखौफ ढंग से किया जा रहा है। देर रात तक नदी के तट और खेत अवैध खनन से गुलजार रहते हैं। लगता है धरती के सीने को चाक करने का अवैध काम करने वालों पर किसी का खौफ ही नहीं रह गया है। बालू का खनन कर उसे वाहनों पर लादकर बेरोकटोक मंडियों में पहुंचाया जाता है।
बात रामगांव थाना क्षेत्र की करें तो यहां सरयू नदी और गोंदौरा नाला खनन माफियाओं के लिए वरदान बना हुआ है। गम्भीरवा पुलिस चौकी से महज एक किमी की दूरी पर स्थित गोड़ियनपुरवा गांव के निकट नदी के किनारे अवैध बालू खदान का कारोबार देखा जा सकता है। खनन माफियाओं को प्रशासन व पुलिस का तनिक भी खौफ नही है। तभी तो दिन हो या रात बालू खदान होता रहता है। रायपुर के गोड़ियनपुरवा व भोगाजोत में अवैध बालू खनन का कारोबार अर्से से फल-फूल रहा है। शिकवा-शिकायत करने वालों को खनन माफिया धमकी भी देते रहते हैं। यहां के लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पुलिस की सांठगांठ से धरती का सीना चाक किया जा रहा है। बंधी-बंधाई रकम खनन माफिया पहुंचा रहे हैं। गोड़ियनपुरवा के पास तो खनन माफियाओं ने मंडी बना रखा है। इसे देखना हो तो जिला मुख्यालय से नानपारा मार्ग पर 14 किमी की दूरी पर बभनी पुल से पहले गंभीरवा बा•ार जाने वाले रास्ते पर मात्र एक किमी अंदर जाने पर कहारनपुरवा गांव के करीब मे ही गोड़ियनपुरवा गांव के किनारे खनन माफियाओं की मंडी दूर से ही दिखने लगती है। बालू के ऊंचे-ऊंचे ढेर लगे रहते हैं। मजदूरों के पल-पल चल रहे फावड़े और ट्रैक्टर-ट्रालियों पर लादे जा रहे बालू जिम्मेदार लोगों की निष्क्रियता की पुष्टि करने के लिए काफी हैं। वैसे तो एडीएम विद्या शंकर ¨सह कहते हैं कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। बिना अनुमति के खनन करना अवैध है। उनके दावे की पोल यहां सजी खनन माफियाओं की मंडी खोलने के लिए काफी है।