वाराणसी पूर्व मंत्री,विधायक एवं वरिष्ठ सपा नेता श्री शतरुद्र प्रकाश,कांग्रेस एवं सपा के प्रदेश प्रवक्ता क्रमश: प्रो. सतीश राय एवं मनोज राय धूपचंडी ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि कांग्रेस या काशी की परम्परा की विभूतियों अथवा सांस्कृतिक केन्द्रों को मत्था टेककर चुनाव में भुनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इमोशनल हथकंडों को काशीवासी अब अच्छी तरह समझने लगे हैं।चुनावी लाभ की ऐसी इमोशनल रणनीति में वह कहीं जाकर एक से अपने को जोड़ते, तो दूसरे की उपेक्षा करते हैं।
गढवाघाट से रामनगर पहुंचे मोदी लाल बहादुर शास्त्री जी के घर गये,जिसे अखिलेश यादव सरकार ने स्मारक का रूप दिया,लेकिन काशी के नरेश ही नहीं, काशी में धर्म और संस्कृति के महान संरक्षक रहे स्व.विभूति नारायण सिंह जी महाराज के घर की ओर जाना मुनासिब नहीं समझा। लगता है काशी के अपने सघन चुनावी अभियान के दौरे में मोदी जी उनको इमोशनल-टच के योग्य नहीं समझते।
लोगों में यह भावात्मक प्रतिक्रिया मात्र इसलिए आज आई कि मोदी जी राम नगर में चुनावी सभा के लिये नहीं, बल्कि विभूतियों को नमन करने गये थे और काशीराज महाराज को उस योग्य नहीं माना, जिनके निकलने पर काशीवासी हर हर महादेव का उद्घोष करते थे।ऐसा लगता है कि हर हर मोदी के उद्घोष पर मुग्ध होने वाले मोदी जी बस वही सुनना चाहते हैं।