मनोज गोयल(मंडल प्रभारी)
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की इस साल अप्रैल में प्रस्तावित अरुणाचल प्रदेश यात्रा को लेकर चीन ने भारत को चेतावनी भरेे अंदाज में कहा है कि इससे भारत -चीन संबंधों को गंभीर नुकसान पहुँचेगा,और विवादित सीमा क्षेत्र की शांति को भी खतरा पहुंच सकता है। दौरे के लिए अरुणाचल प्रदेश की सरकार ने दलाई लामा को आमंत्रित किया है। चीनी विदेश विभाग के प्रवक्ता गैंग शुआंग ने कहा,” दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश जाने की अनुमति देने के भारत सरकार के फैसले से चीन चिंतित है।” प्रवक्ता ने कहा, जल्द ही औपचारिक तरीके से चीन की आपत्ति से भारतीय सरकार को अवगत करा दिया जाएगा।
गैंग ने कहा है कि भारत चीन-भारत सीमा विवाद की संवेदनशीलता को भारत जानता है।इसके बावजूद अगर सीमावर्ती विवादित इलाके में दलाई लामा को जाने की अनुमति दी जाती है तो क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरनाक होगा और दोनों देशों के संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा अतः हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह विवाद को और ज्यादा जटिल न बनाए।उल्लेखनीय है कि चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है और वहां शीर्ष नेताओं, अधिकारियों और विदेशी राजनयिकों के दौरों का विरोध करता रहा है. चीन दलाईलामा को भी विद्रोही नेता मानता है और उन पर तिब्बत की आज़ादी के लिए आंदोलन चलाने का आरोप लगाता रहा है।चीन सरकार की ओर से यह बयान तब आया है जब सीमा विवाद पर चीन के पूर्व विशेष सचिव दाई बिंगुओ का मीडिया को दिया साक्षात्कार सामने आया है कि भारत अगर अरुणाचल के तवांग इलाके को चीन को सौंप दे तो चीनी सरकार बदले में उसे अक्साई चिन का इलाका दे सकती है।हालाँकि विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने यह इंटरव्यू नहीं देखा,पर दोनों देशों के बीच सभी तरह के विवाद आपसी हितों के मसलों पर समझ बनाकर सुलझ सकते हैं।