जावेद अंसारी,
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजों को उत्साहवर्धन करने वाले बताए हैं। उन्होंने दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि भाजपा यूपी, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड चार राज्यों में सरकार बनाने जा रही है। साथ ही स्वीकार किया कि पंजाब में पार्टी को हार झेलनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की जीत आजादी के बाद की सबसे बड़ी जीत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आजाद के बाद का सबसे लोकप्रिय नेता भी बताया।
अमित शाह ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी पर कई गलत आरोप लगाए। आजादी के बाद प्रदर्शन के आधार पर जनादेश लेने की एक नई परंपरा शुरू हुई है। राज्यों के चुनावों के यह नतीजे देश को एक नई दिशा देंगे। देश के गरीबों की आस्था मोदी में हैं। यूपी में जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीवाद की राजनीति का खात्मा होता है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री चेहरे के सवाल के बारे में कहा कि पार्टी योग्यता के आधार पर चेहरा चुनेगी।
यूपी चुनावों में बिना सीएम चेहरे के चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कई राज्यों में हमने चेहरे खड़े किए हैं। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, असम में सर्वानंद सोनोवाल। इस दौरान अमित शाह पत्रकार पर झल्ला भी पड़े और बोले कि क्या सवाल लेकर आते हो। उन्होंने कहा, “यूपी में पहले चरण के बाद हमने कहा था कि भाजपा 125 में से 90 सीटें जीतने जा रहे हैं तो मीडिया के बड़े वर्ग में इसकी आलोचना हुई। इसे चुनाव जीतने का स्टंट कहा गया। लेकिन नतीजों में हमने 125 में से 115 सीट जीती हैं।”
बसपा सुप्रीमो मायावती के ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों पर अमित शाह ने कहा कि उनकी मानसिक स्थिति समझी जा सकती है। उनके बयान पर कोई टिप्पणी नहीं। मुसलमानों को साथ लेने के मुद्दे पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम से आगे बढि़ए, मतदाता, मतदाता होता है। मतदाता का कोई धर्म नहीं होता है। विकास की राजनीति होनी चाहिए।
राम मंदिर के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि घोषणा पत्र में इस बारे में कुछ नहीं लिखा है। घोषणा पत्र की घोषणाओं को लागू करना प्राथमिकता होगा। पंजाब की हार पर कहा कि इसे विनम्रता से स्वीकार करते हैं। इस पर चर्चा की जाएगी। इससे दुखी होने वाली कोई बात नहीं है। वहीं नोटबंदी पर उन्होंने कहा कि विपक्ष ने लगातार इसकी आलोचना की। राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने अपनी हर रैली में नोटबंदी का मुद्दा उठाया। लेकिन पांच राज्यों की जनता ने इसका जवाब दे दिया है। देश की जनता ने नोटबंदी को समर्थन दिया है।