भागलपुर विश्वविद्यालय में अंग्रेजी और दर्शनशास्त्र विषयों में 39 नवनियुक्त शिक्षकों की पोस्टिंग पर विवाद खड़ा हो गया है। भुस्टा ने पोस्टिंग में मनमानी करने और बीपीएससी से मिले पैनल का पालन नहीं करने का आरोप विश्वविद्यालय प्रशासन पर लगाया है। भुस्टा 23 मई को कुलपति से मिलेगा और पोस्टिंग को रद्द कर दोबारा प्रक्रिया अपनाने की मांग करेगा।
भुस्टा के अध्यक्ष डा. दयानंद राय ने कहा कि नए शिक्षकों की नियुक्ति बड़े और विश्वविद्यालय मुख्यालय के कॉलेजों में की गई है। जबकि पुराने शिक्षक वर्षों से मुख्यालय के बाहर और सुदूर इलाकों में स्थित कॉलेजों में प्रतिनियुक्त हैं। पहले पुराने शिक्षकों को मुख्यालय स्थित कॉलेजों में लाया जाना चाहिए था तब नए शिक्षकों को इन कॉलेजों में प्रतिनियुक्त करना था।
उन्होंने बताया कि बीपीएससी से जो नए शिक्षकों का पैनल विश्वविद्यालय को मिला है उसमें दी गई मेरिट का भी ध्यान नहीं रखा गया। जैसे-तैसे कॉलेज तय कर दिए गए। विश्वविद्यालय प्रशासन को इसे रद्द कर फिर से पोस्टिंग करनी होगी। इस बारे में पीआरओ डा. अशाक ठाकुर ने बताया कि बीपीएससी के पैनल और रिक्तता के आधार पर पोस्टिंग की गई है। जहां शिक्षक नहीं थे, वहां प्रतिनियुक्ति की गई है। जहां तक तबादले की बात है तो उसकी प्रक्रिया में देरी होती।