लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूर्व अखिलेश सरकार की कई योजनाओं में बदलाव शूरू कर दिए हैं। योगी सरकार ने अब सभी योजनाओं में अल्पसंख्यक कोटे को खत्म करने की तैयारी कर ली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य सरकार कोटा खत्म करने पर विचार-विमर्श कर रही हैं। वहीं इस मुद्दे को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी बयान दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मौर्य ने कहा “अध्ययन कर रहे हैं, जो आवश्यक होगा उसे आगे बढ़ाएंगे, जो अनावश्यक होगा उसे हटाएंगे।”
सरकार की योजनाओं में चल रहे अल्पसंख्यक कोटा खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट जल्द ही प्रस्ताव ला सकती है। बता दें 2012 में समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार ने राज्य की 85 योजनाओं में अल्पसंख्यकों को 20 फीसद कोटा देने की शुरुआत की थी।
गौरतलब है कि इससे पहले भी योगी कैबिनेट ने अखिलेश सरकार की कई योजनाओं को खत्म कर दिया है। अखिलेश सरकार की फोटो राशन कार्ड योजना को खत्म किया जा चुका है। वहीं बीते अप्रैल महीने में भी सपा सरकार द्वारा लाई गई समाजवादी पेंशन योजना को रोकने के निर्देश दिए गए। कई योजनाओं के नाम बदलने के भी आदेश दिए गए थे। योजनाओं के नाम में से “समाजवादी” शब्द की जगह “मुख्यमंत्री” शब्द का प्रयोग करने का फैसला लिया गया। वहीं इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने भी समाचार एजंसी एएनआई से बातचीत की है। उन्होंने कहा “जरूरत के हिसाब से चीज पहुंचनी चाहिए, न कि बिना वजह के कोटा तय कर दें। जायज तरह से अल्पसंख्यकों को लाभ पहुंचेगा।”
वहीं पूर्व समाजवादी पार्टी की और भी कई योजनाएं हैं जिन पर योगी सरकार अपनी कैंची चला चुकी है। समाज कल्याण द्वारा संचालित योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री पेंशन योजना करने का प्रस्ताव दिया गया था। मुख्यमंत्री ने इसके तहत अति दलित जैसे-मुसहर, नट, कंजड़ आदि तथा बनटांगियां समुदाय के व्यक्तियों को शामिल करते हुए उन्हें लाभान्वित करने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा समाजवादी आवास योजना की जगह राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू करने का फैसला भी लिया गया था। अखिलेश सरकार ने इस योजना के तहत 3 लाख फ्लैट बनाने का लक्ष्य रखा था।