बिहार के वैशाली जिले के महुवा थाना क्षेत्र के करिहो निवासी शिशिर कुमार उर्फ सुशील ने अपनी 26वर्षीय बेटी सोनी सिंह की शादी हिन्दू रीति रिवाज से 28 नवम्बर 2010 में उक्त प्रान्त व जिला के दिसरी थाना क्षेत्र के रामपुर बघेल गाॅंव निवासी प्रसंस सिंह के बेटे पवन कुमार सिंह के साथ की थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में नौकरी पाने के बाद पवन कुमार पत्नी को लेकर शहर में रहने लगा। हालांकि बाद में वह धूमनगंज थाना क्षेत्र में स्थित उच्च न्यायालय की चैफटका स्थित कालोनी में रहने लगा। बताया जा रहा है कि सोनी ने एक बेटे को जन्म दिया। वह वर्तमान में पाॅंच वर्ष है। सोमवार की शाम सोनी का शव संदिग्ध परिस्थितियों में कमरे में पाया गया। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर महिलाएं पहुॅंची तो उसके पति को खबर दी। उसका पति अपने परिचितों के साथ पहुॅंचा और हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय पहुॅंचा। मामला हाईकोर्ट और किसी जज के निजी सचिव की पत्नी का होेने की वजह से पहले तो मामले को पचाने का प्रयास किया गया। हालांकि बाद में शव को चिकित्सकों ने अन्त्य परीक्षण के लिए भेज दिया। सूचना पर सक्रिय हुई धूमनगंज थाने की पुलिस ने खाना पूर्ती करते हुए शव का मजिस्ट्रेट से पंचनामा कराया। पुलिस भी मामले की तहतक जाने की आवश्यकता नहीं समझी और मजिस्ट्रेट ने भी मामले को आत्महत्या की कहानी को सच मानकर पंचनामा किया। उधर उसके मायके वाले भी खबर मिलते ही पहुॅॅंचे और धूमनगंज थाने में पति व ससुर, सास और नन्द के खिलाफ तहरीर दिया और दहेज हत्या का आरोप लगाया। पुलिस मुकदमा दर्ज करके जाॅंच शुरू कर दिया है। मंगलवार की शाम सोनी के शव का तीन चिकित्सकों की टीम एवं बीडियों ग्राफी और मामला संदिग्ध होने की वजह से फोरेंसिक टीम का भी सहयोग चिकित्सकों ने लिया। एक घंटेबाद मामला उजागर हुआ कि यह आत्महत्या का मामला नहीं है। उसकी गला घोटकर हत्याा की गयी।मृतका के परिजनों का आरोप है कि पति व ससुराल के लोग हाईकोर्ट की धमकी देकर लगातर प्रताड़ित करते थे और दहेज की माॅंग करते थे। जब दहेज नहीं दे पाये तो उसकी निर्मत हत्या कर दी गयी। उसके हाथ पर जो निशान लगाया था, वह भी फर्जी है। उसके हाथ में कहीं कोई धारदार हथियार की चोंट नहीं है। उसके शरीर पर चोंट के निशान दिखाई दिये है।