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अविश्वास प्रस्ताव से छिनी शगुना देवी की कुर्सी

डॉ. सुबोध का दबदबा बरकरार

रॉबिन कपूर

फर्रुखाबाद : जिला पंचायत अध्यक्ष सगुना देवी के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद आखिर आज जिला पंचायत अध्यक्ष को उनकी  कुर्सी से उतार दिया गया है । आज अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जिला पंचायत कार्यालय में हुई बैठक में 21 जिला पंचायत सदस्यों ने भाग लिया। जिनमें पूनम सोमवंशी, छाया,रश्मि, मनोज मिश्रा,भजनलाल,लक्ष्मी रीता, गीता, कृष्ण पाल यादव, नीलेश यादव, सुरभि सिंह, ज्ञानदेवी कठेरिया, प्रदीप यादव, रतिराम शाक्य, प्रतिबन,उमेश यादव, आशा, विजय कुमार यादव, सुमन लता, रिंकी कुमारी, एवं रवेंद्र सिंह गंगवार शामिल रहे।

मतदान करने के बाद बाहर निकले जिला पंचायत सदस्य प्रदीप यादव ने बताया कि उनके सहित 21 जिला पंचायत सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है। बाद में राजेपुर के ब्लाक प्रमुख डॉक्टर सुबोध यादव जिला पंचायत कार्यालय के बाहर पहुंचे। इससे पूर्व वह जिला पंचायत कार्यालय के बाहर समर्थकों के साथ डटे रहे। सपा नेता दलगंजन सिंह यादव  भी मौजूद रहे। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी उज्जवल यादव ने मीडिया कर्मियों के बैठक स्थल पर जाने पर रोक लगा दी।
इससे पूर्व डीएम व एसपी ने बैठक स्थल का जायजा लिया और वहां गेट पर मौजूद एएस व सिटी मजिस्ट्रेट आदि अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। जिला पंचायत कार्यालय के बाहर बेरिकेटिंग लगाया गया था जहां एसडीएम सदर,सीओ सिटी एसओ नबावगंज,व राजेपुर मौजूद रहे। सभी जिला पंचायत सदस्यों के चेहरों का सूची से मिलान कर उन्हें अंदर जाने दिया गया। एलआईयू कर्मचारी ने सदस्यों की तलाशी ली।एसओ मऊदरवाजा एसओ जहानगंज आदि थानाध्यक्ष जिला पंचायत कार्यालय के बाहर फोर्स के साथ शांति व्यवस्था के लिए डटे रहे।
सबसे बाद में छात्र नेता आदित्य राठौर उर्फ एके  रिंकी कुमारी के साथ पहुंचे। जबकि अनस सिद्दीकी ने पूनम सोमवंशी को कार्यालय के बाहर तक पहुंचाया। सपा नेता अनिल मिश्रा मिश्रा ने सहायक के रूप में वोट डाला। बैठक संपन्न कराने के लिए सीनियर जज सीनियर डिवीजन करीब 10:30 बजे ही जिला पंचायत कार्यालय पहुंच गए थे। मालूम हो कि सगुना देवी मात्र 7 वोट मिलने से ही जिला पंचायत अध्यक्ष बनी थी। उस समय उनके विरोधी जिला पंचायत सदस्य मतदान करने नहीं पहुंचे थे।
आज की बैठक में ठीक ही उल्टा हुआ। कोई बहुमत न होने के कारण जिला पंचायत अध्यक्ष सगुना देवी अविश्वास प्रस्ताव की बैठक में शामिल होने तक का साहस नहीं कर की। बैठक में जिला पंचायत सदस्य जुबैरिया शाह का काफी इंतजार होता रहा। बताया गया कि वह जयपुर गई थी और आगरा तक वापस आ गई थी।
लालबत्ती जाने के बाद सगुना देवी का जिला पंचायत अध्यक्ष पद भी चला गया । सगुना देवी के पति पूर्व विधायक अजीत कठेरिया के राजनीतिक जीवन पर अब पूर्ण  विराम लगता जा रहा है । अख्सर सुर्ख़ियों मे रहने वाला अजीत कठेरिया को डॉक्टर सुबोध यादव ने गद्दारी इतनी महँगी पड़ी है जिसकी चोट का दर्द वो अपने राजनैतिक भविष्य मे कभी नही भुला पायेंगे । पिछले कुछ दिनो मे प्रदेश मे हुए सत्ता परिवर्तन के बाद पूर्व विधायक अजीत कठेरिया ने भाजपा कार्यालयों मे काफी दस्तक देने का प्रयास किया है लेकिन लेकिन उसका अंजाम यह हुआ की पार्टी नेताओं के द्वारा  भीख मे मिली जिला पंचायत की कुर्सी भी छिन गयी । अविश्वास प्रस्ताव के लिये की गयी मतगणना  के दौरान 21 मत डाले गए सभी 21 वोट अविश्वास मत के पक्ष में ही निकले।
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