यशपाल सिंह
जबकि वर्ष 2013 में ही सभी सम्बद्धता को समाप्त करने का शासन का आदेश था। जिस पर डॉ विनय यादव का दावा है कि वह सम्बद्ध नहीं थे बल्कि उनके पास अतिरिक्त चार्ज है। अपने को हटाने को लेकर कभी किसी भी पत्र या आदेश के मिलने से भी इनकार किया। बता दें कि सरकारी आदेश में 2013 में ही सदर अस्पताल के पैथोलोजिस्ट डॉ मोहम्मद अज़हर सिद्दीकी को ब्लड बैंक का प्रभार दे दिया गया था लेकिन उन्हें चार्ज नहीं लेने दिया गया। डॉ सिद्दीकी के अनुसार देर है लेकिन अंधेर नहीं। वह अब एसआईसी के आदेश पर प्रभारी होने का दावा कर रहे हैं। जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जीएल केसरवानी के अनुसार यह स्पष्ट आदेश है कि जो दूसरे संस्था से सैलरी ले रहा है उसकी सेवा यहाँ नहीं ली जायेगी। उन्होंने कहा कि डॉ सिद्दीकी को ब्लड बैंक का प्रभार लेने को कहा गया है क्योकि यहाँ पर एक फुल टाइम अधिकारी की जरुरत है।
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