वीनस दीक्षित। वाराणसी। संस्था द्वारा बालक और बालिकाओं को 3 महीने का निःशुल्क तैराकी प्रशिक्षिण संस्था सचिव नारायण चटर्जी के देख रेख में दरभंगा गंगा घाट पर दिया जा रहा है। जिसमे गुरु के साथ साथ अभिभावक भी अपना पूरा सहयोग दे रहे है।
आपको बता दे ये वही संस्था जिसमें से सन् 1951 में हुये एशियन गेम में भारत का नाम रोशन करने वाले वाराणसी के एक मात्र तैराक गोल्ड मैडलिस्ट सचिन नाग थे। भारत का दुर्भाग्य कहे या वाराणसी का सौभाग्य कहें जिसमें एशियन गेम में 1951 के बाद से अभी तक किसी ने तैराकी में गोल्ड पदक नहीं जीता। सरस्वती स्वीमिंग एसोसिएशन के हेड डॉ0 अकबर अली व सचिव नारायण चटर्जी के सहयोग से तैराक तैराकी में राज्य व राष्टीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनबा रहे है साथ ही
प्रचंड गर्मी से राहत देने वाले अविरल गंगा जल में सभी उम्र के बच्चे गोता खाते हुये तैराकी व ग्रीष्मकालीन अवकाश का पूरा लाभ उठा रहे।तैराकी के साथ बच्चों के स्वाथ्य का भी ख्याल रखा जा रहा है। जिसके लिये 10 से 12 प्रशिक्षक को रखा गया है जिसमें प्रमुख रूप से मनीष त्रिपाठी, शिवम यादव, प्रमोद साहनी आदि है।