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विरोध के बीच आसी नदी में उतारा जेसीबी, लुप्त होती नदी को बचानें के प्रयास की हुई बड़ी पहल

शबाब ख़ान
वाराणसी: काशी के अस्तित्व से जुड़ी पौराणिक काल की आसी नदी की मुक्ति के लिए शुरू हुआ प्रयास अब तक का सबसे बड़ा प्रयास माना जा रहा है। प्रशासन और जनता दोनों के सहयोग से आसी  फिर से अपने मूल रूप में उद्गम से संगम स्थल तक कल-कल बहेगी।

अतिक्रमण और प्रशासनिक उदासीनता से दशकों से जूझ रही आसी  नदी के दिन बहुरने वाले है। सरकार नें एक प्रशंसनीय कदम उठाते हुए रविवार को बड़ी पहल की है। नगर निगम की ओर से सीमांकन के बाद यमुना मिशन ने सुबह आसी  नदी में सफाई के लिए जेसीबी उतार दिया गया। हल्के विरोधों के बीच सिल्ट और कूड़े से पाटे गए नदी के तट की खुदाई शुरू हो गई। मलबा निकाला जाने लगा। इसी के साथ आसी के दोनों तटों पर हरित पट्टी के विकास का काम आरंभ हो गया। सहोदरबीर पुल से संकटमोचन के बीच नदी के दोनों किनारों पर मानसूनी बारिश के बाद पौधरोपण शुरू होगा।
वह भी ऐसे समय जब शहर के घरेलू और औद्योगिक कचरों को ढोने के लिए इसके मौलिक स्वरूप को समाप्त कर नाला के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। यमुना मिशन की ओर से आसी  नदी के पुनरुद्धार के लिए सुबह आठ बजे जेसीबी उतारा गया। नदी के तट पर स्थित ब्रह्मा मठ के कुछ आचार्यों ने विरोध भी जताया लेकिन फिर उन्होंने इस पुनीत अभियान में अपनी सहमति जता दी।
नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के राष्ट्रीय सलाहकार और सेवा निवृत्त डीजी (होमगार्ड्स) आरएन सिंह की मौजूदगी में आसी  नदी मुक्ति अभियान के कपींद्र तिवारी, आनंद प्रकाश तिवारी, अक्षयवर सिंह, संतोष कुमार सिंह, आरबी सिंह, चंद्रभूषण सिंह, राजीव शर्मा, यमुना मिशन के चंद्रशेखर सेठ के अलावा तमाम लोगों ने नदी के मलबे को हटाने में सहयोग किया।
नदी के दोनों किनारों पर हरित पट्टी का विकास किया जाएगा। हरित पट्टी के लिए अस्सी की तलहटी से खोदी जा रही सिल्ट पाटकर नया प्लेटफार्म बनाया जा रहा है। वर्ष भर पहले शहर के 20 से अधिक सामाजिक संगठनों नें अस्सी को बचानें के लिए हर संभव प्रयास करने का बीड़ा उठाया था।
नाले के रूप में दर्ज है निगम में अस्सी नदी
आसी नदी नगर निगम और तहसील के राजस्व रिकार्ड में नाले के रूप में दर्ज है, जिसकी जॉच कराकर रिकार्ड दुरुस्त किए जाएगें। रविवार को आसी के तट पर चलाए जा रहे सफाई अभियान के दौरान नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के सलाहकार आर.एन. सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना को आसी नदी के अस्तित्व से किए गए खिलवाड़ की जानकारी दी गई है। इसके लिए मंडलायुक्त और जिलाधिकारी से बातचीत की जाएगी।
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