(जावेद अंसारी)
जिस शख्स ने इस महीने में एक नेकी भी या फर्ज अदा किया, उसका अजरा (बदला) उस सख्त की तरह होगा, जिसने किसी दूसरे महीने में सत्तर फर्ज अदा किए,यह महीना सब्र का है और सब्र का सिला जन्नत हैं। वह महीना नेकी पहुंचाने का है, इस महीने मोमिन की रोजी में इजाफा किया जाता है, जिस शख्स ने किसी रोजेदार को अफतार कराया, उसके गुनाह (पाप) बख्श दिए गए। उसकी गर्दन अतिशे दोजख (नर्क की आग) से आजाद की जाएगी और रोजेदार के रोजे का सवाब कम किए बगैर अफतार कराने वाले को भी रोजेदार के बराबर का सवाब मिलेगा, सहाबाकराम रजि. ने अर्ज किया हैं यह महीना ऐसा है, इसका पहला हिस्सा रहमत है, दरमियानी (मध्य) मगफिरत है और आखिरी हिस्सा दोजख से आजादी है,माह शैतान कैद कर दिए जाते हैं|
अनिल कुमार डेस्क: बिहार के चर्चित मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह कांड में आजीवन कारावास की सज़ा…
आफताब फारुकी डेस्क: गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीमा सुरक्षा बल…
सबा अंसारी डेस्क: बरेली के एक सनसनीखेज घटना से पुरे मुस्लिम समाज में गुस्सा दिखाई…
आदिल अहमद डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी…
तारिक खान डेस्क: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग दफ्तर के बाहर भर्ती में गड़बड़ी का…
तारिक आज़मी डेस्क: मंदिर मस्जिद की सियासत करने वाले। हर मुद्दे पर हिन्दू मुस्लिम एंगल…