गोपाल जी
घटना सात सितंबर 1990 को हुई थी। जब विनय गोस्वामी ने पत्नी दीपा गोस्वामी की दहेज के लिए उसकी हत्या कर शव को गायब कर दिया था। घटना के बाद दीपा के पिता नाथनगर थाना क्षेत्र के मधुसूदनपुर निवासी जगदीश गोस्वामी ने दामाद विनय गोस्वामी एवं उसके पिता गुनेश्वर गोश्वामी को नामजद करते हुए गोपालपुर थाना कांड संख्या 115/90 दर्ज कराया था। इसमें पिता ने बताया था कि उसके दामाद विनय गोस्वामी एवं उनके परिजनों द्वारा दहेज के रूप में एक बाइक एवं टीवी की मांग की जा रही थी। वह नहीं देने पर उनलोगों ने उनकी पुत्री दीपा गोस्वामी की हत्या कर दी और लाश को गायब कर दिया। न्यायालय में सत्रवाद संख्या 442/96 के तहत मामले की सुनवाई शुरू की गई। अभियोजन पक्ष की ओर से बहस कर रहे अपर लोक अभियेजक रविन्द्र पासवान ने बताया कि मामले में कुल 12 गवाहों ने गवाही दी। इसके बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। आरोपी विनय गोस्वामी के पिता गुनेश्वर गोस्वामी की मौत ट्रायल के दौरान हो गई थी। इस मामले में सिर्फ एक नामजद बचा था जिसे न्यायालय ने दोषी पाते हुए अपना फैसला सुनाया। घटना के 27 वर्ष बाद न्यायालय से पीड़ित पिता को न्याय मिला है।
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