यशपाल सिंह
केंद्र की मोदी सराकार के सांसद और यूपी के योगी सरकार के मंत्रियों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अभी हाल में मऊ सांसद और वन मंत्री का पत्र वायरल होने से सरकार की किरकिरी हुई थी लेकिन अब मंत्री और सांसद खुलकर आमने सामने हो गये है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुरूवार को पूर्वी यूपी के सांसदों की बैठक हुई तो आजमगढ़ मंडल के मऊ जनपद के सांसद हरिनारायण राजभर व बलिया के सांसद भरत सिंह ने योगी सरकार के डिप्टी सीएम सहित तीन मंत्रियों पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगा दिया। साथ ही सांसदों ने यूपी में सरकार की छबि बचाने के लिए पीएम से हस्तक्षेप का अनुरोध किया। पीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए समस्या के जल्द समाधान का आश्वास दिया।
मऊ जिले के सांसद हरिनारायण रजाभर ने पिछले दिनों पीडब्ल्युडी विभाग का निरीक्षण किया था जिसमें काफी अनियमितता पाई गई थी। इसके बाद सांसद ने अधिशासी अभियंता के खिलाफ डिप्टी सीएम व पीडब्ल्युडी मंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पत्र लिखा। इसी बीच वन मंत्री दारा सिंह चौहान मामले में कूद और अधिशासी अभियंता का न केवल बचाव किया बल्कि उन्हें ईमानदार बताते हुए निलंबन रोकने के लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को प्रत्र लिया दिया। इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई, दोनों नेताओं का पत्र वायरल होने से सरकार की किरकिरी जरूर हुई। तभी से सांसद और योगी सरकार के मंत्रियों के बीच तलवारें खिंची हुई है।
जानकार बताते हैं कि मऊ जिले के सांसद हरिनारायण व बलिया के भरत सिंह ने शिक्षा, पीडब्ल्युडी, वन विभाग सहित कई कार्यालयों का निरीक्षण किया। इस दौरान मिली शिकायतों और भ्रष्टाचार की शिकायत उक्त सांसदों ने संबंधित विभाग और उनके मंत्रियों से की लेकिन उनकी शिकायत को अनसुनी कर दिया गया है।