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साम्प्रदायिकता के मुह पर तमाचा है एकता की मिसाल यह मस्जिद मंदिर एक साथ

अज़हान आलम

घोसी( मऊ)। भारत की सांप्रदायिक एकता की जड़ें काफी मजबूत हैं। वर्तमान समाज के चंद सिरफिरे इसे तोड़ने की जितनी भी कोशिश कर ले लेकिन देश की आज़ादी की लड़ाई से मिली हमारी एकता और भी मजबूत होती रहेगी। इसकी मिशाल है घोसी की अमनपसंद आवाम। घोसी में हर धर्म के लोग एक दूसरे धर्म के आयोजनों में बढ़ चढ़ कर भाग लेते है। मऊ जनपद के घोसी स्थित बड़ागाँव बाज़ार में सैकड़ों साल से मंदिर और मस्जिद पूरी तरह लगी हुई है। मंदिर की गुम्बज और मस्जिद की मीनार एक साथ देखकर हर आने वाला बाहरी शख्स इसकी तारीफ़ करता है। यहाँ का हिन्दू मस्जिद की हिफाज़त करता है और मुस्लिम मंदिर की।

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