रविवार की शाम सुलतानपुर का खचाखच भरा वृन्दावन सभागार गवाह बना लगातार तीन घंटे चले भव्य साहित्यिक समारोह का । मौका था अवधी के मशहूर व्यंगकार जाहिल सुलतानपुरी के अदबी सफर के शानदार पचास साल पूरा करने का सम्मान और पुस्तकों के विमोचन का । इस अवसर पर जिले के सभी क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियां पूरे कार्यक्रम में मौजूद रहीं । इसीलिये मुख्यअतिथि वरिष्ठ सम्पादक सुभाष राय यह कहने से नहीं चूके कि सुलतानपुर आकर लोगों को सुनने में ज्यादा आनंद है यहां मैं मौन रहना चाहता हूं बोलने में डर लगता है । उन्होने कहा कि सुलतानपुर मेरे लिये एक तीर्थ है ।
विशिष्ट अतिथि लखनऊ के शकुंतला मिश्र विश्वविद्यालय में हिन्दी प्रोफेसर डी.एन.सिंह भी उपस्थिति और आयोजन से गदगद दिखे उन्होने कहा कि सुलतानपुर की चेतना महानगरीय साहित्यकारों से बहुत आगे है । जगदीश पीयुष का अवधी उद्बोधन और वरिष्ठ पत्रकार राजखन्ना का संचालन तो सबको भाया ही गनपत सहाय पी.जी. कालेज के पूर्व प्राचार्य वयोवृद्ध डॉ. टी.एन.चौबे की उपस्थिति ने भी आह्लादित किया ।
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