घोसी (मऊ)। 10 मुहर्रम अर्थात 1 अक्टूबर नगर के बड़ागांव से विश्व प्रसिद्ध ताज़िया का जुलूस अपने परंपरागत तरीके से निकाला गया। नगर के बड़ागांव स्थिति अज़ाखाने अबुतालिब से अंजुमन सज्जादिया से शबीह ताबूत इमाम हुसैन अ. स. निकाला और नौहा वो मातम किया। जुलूस सदर बाजार एवं छोटा फाटक होता हुआ नीमतले पहुँचा जहां पर अजादारों ने जंजीर का मातम किया। जुलूस बड़ा फाटक होता हुआ सदर इमाम बारगाह पे दफन हुआ। वही सदर बाजार से लगभग 12 बजे दिन में ताज़िया का जुलूस उठाया गया जिस की शुरुआती तक़रीर मौलाना नसीमुल ने की उन्हों ने कहा कि 10 मोहर्रम सन 61 हिजरी को कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन ने अपनी और अपने साथियों की शहादत देकर सिर्फ इस्लाम को नही बचाया बल्कि पूरी इंसानियत को बचाया। तक़रीर के फौरन बाद मर्सिया खानी हुई। वही पे अंजुमन मसूमिया रजिस्टर्ड ने एक नौहा पढ़ कर जुलूस को अंजुमन मसूमिया क़दीम रजिस्टर्ड को देदिया। जुलूस अपने परंपरागत रास्तो से होता हुआ छोटा फाटक पहुचा वहां पर अज़ादरो ने जंजीर और छुरी का मातम किया। दस्ता मसूमिया के नौहाख्वां शफ़क़त तक़ी ने नौहा पढ़ा
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जिसे सुनकर उपस्थित अजादारों की आंखें नम हो गयी। जलूस मगरिब की अज़ान से पहले राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सदर इमाम बारगाह पे दफन हुआ। जलूस में हर धर्म के लोगो ने शिरकत की और कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।इस के अलावा जमालपुर बिक्कमपुर, बैसवाड़ा, सुलतानपुर आदि जगहों पे भी ताज़िया निकाला गया।
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