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अल अक़सा की आज़ादी की बात क्यों नहीं करते ? – विश्व ओलमा संघ प्रमुख युसुफ़ क़रज़ावी

आदिल अहमद // समीर मिश्रा.

विश्व ओलमा संघ के प्रमुख युसुफ़ क़रज़ावी ने अपने हालिया बयान में सऊदी अरब के धर्मगुरुओं की समिति पर तीखा प्रहार किया है जिसने क़रज़ावी पर उपद्रव भड़काने का आरोप लगाया था। क़रज़ावी ने अपने बयान में कहा कि हमें यह नहीं पता कि वह किस उपद्रव की बात कर रहे हैं, क्या हक़ की बात करना उपद्रव है। क़रज़ावी ने कहा कि विश्व ओलमा संघ में हम दोहरापन नहीं जानते हमने अगर यमन के हौसियों के ख़िलाफ़ बयान जारी किया तो मिस्र में मुर्सी की सरकार के विरुद्ध जो विद्रोह हुआ उसकी भी हमने निंदा की। हम केवल शरीयत के निर्देश के अनुसार काम करते हैं। सीरिया में भी हम जनता के साथ खड़े हुए हम उन लोगों में नहीं हैं जिन्होंने सीरिया में हालात के बदलने के साथ बार बार रंग बदला।

हमारा संगठन वह संगठन है जिसने क़रकेज़ और उज़्बक भाइयों के बीच संधि करवाई जिनके बीच 1991 से 2010 तक युद्ध चला। हमने इस उपद्रव को नियंत्रित किया। फ़ार्स खाड़ी के देशों के वर्तमान संकट में हमने किसी एक पक्ष का समर्थन नहीं किया हमने बस इतना कहा कि मुसलमान देश की नाकाबंदी हराम है। हम आशा करते हैं कि सऊदी अरब के बड़े धर्मगुरुओं की समिति जनता का समर्थन करेगी और उसे चरमपंथी विचारों से बचाएगी।

क़रज़ावी ने इस्राईल से संबंध स्थापित करने की सऊदी सरकार की कोशिशों पर सऊदी दरबारी मुफ़तियों की ख़ामोशी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आप मस्जिदुल अक़सा के बारे में कोई बात क्यों नहीं करते। युसुफ़ क़रज़ावी मिस्र के वरिष्ठ धर्मगुरू हैं जिनसे वर्तमान मिस्री शासन नाराज़ है। क़रज़ावी ने क़तर को अपना ठिकाना बनाया है और क़तर तथा मुस्लिम ब्रदरहुड की सुविधा के अनुसार फ़तवे देते रहते हैं। सीरिया संकट के दौरान विद्रोह की आग भड़काने और हिंसा व चरमपंथ फैलाने में जिन मुफ़्तियों की प्रभावी भूमिका रही उनमें युसुफ़ क़रज़ावी प्रमुख मुफ़्ती हैं।

क़तर के साथ सऊदी अरब, इमारात, बहरैन और मिस्र का संकट शुरू हो गया तो क़रज़ावी ने क़तर का पक्ष लिया और सांकेतिक रूप से सऊदी अरब और उसके घटकों के प्रयासों की निदां की। इस पर सऊदी अरब के दरबारी धर्मगुरुओं ने क़रज़ावी को आड़े हाथों लिया और उन्हें फ़ितना फैलाने वाला मुफ़्ती कहा। क़तर और सऊदी अरब की सरकारें अपने अपने मुफ़्तियों को प्रयोग कर रही हैं और वर्तमान राजनैतिक संकट में इन मफ़्तियों की बड़ी भूमिका है।

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