वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में समाजवादी पार्टी को बहुत बड़ा झटका लगा जब वाराणसी की जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर ने सपा को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। वाराणसी में होने वाले निकाय चुनाव से मात्र नौ दिन पहले सपा की वाराणसी जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर ने सपा से अपना किनारा कस लिया। वहीं सूत्रों की माने तो नगर निकाय चुनाव मर भाजपा का किला ढहाने का प्रयास कर रही समाजवादी पार्टी आज भाजपा के एक दांव से ही चारो खाने चित्त होती नजर आ रही है। जिसके पीछे सबसे बड़ा मुख्य कारण है सपा के शीर्ष नेतृत्व में आपसी फूट।
बता दें कि बीती जुलाई में बनारस में जिला पंचायत की अध्यक्ष को कुर्सी को लेकर उठापटक चल रही थी तब समाजवादी पार्टी ने मेहनत कर अपराजिता को विश्वास मत हासिल करवाया था। अब उनके भाजपा शामिल होने पर सपा का कहना है कि पार्टी ने उनके साथ बेटी की तरह व्यवहार किया है लेकिन उन्होंने पार्टी के साथ धोखा किया। वहीं अपराजिता सोनकर के मामा कैलाश नाथ सोनकर वाराणसी के अजगरा विधानसभा से भाजपा-भासपा गठबंधन के विधायक हैं। वो विधानसभा चुनाव से पहले सपा छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे। माना जा रहा है कि अपराजिता के इस कदम में कैलाश सोनकर का बड़ा योगदान है।
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