संजय ठाकुर/सुहैल अख्तर.
मऊ. भले ही मुख़्तार अंसारी कई वर्षो से जेल में हो मगर उनके पुत्र ने उनकी राजनैतिक विरासत को भली भाति संभाल लिया है. पहले विधानसभा चुनाव जहा विपक्ष ने पूरी ताकत झोक दिया था मुख़्तार अंसारी को हारने के लिये मगर उनके पुत्र अब्बास अंसारी ने अपनी राजनैतिक कुशलता का परिचय देते हुवे वह सीट जीत लिया यही नहीं घोसी विधानसभा जहा से अब्बास खुद चुनाव लडे थे पर भी भले वह चुनाव हार गये मगर राजनैतिक जीत तो दर्ज करवा लिया.
इसके बाद आये निकाय चुनाव में जिस प्रकार बसपा का झंडा इस नवजवान ने लहराया उसको देख कर इसकी राजनैतिक कुशलता को समझा जा सकता है. जिस प्रकार राजनैतिक उठा पटक के बीच धुरंधरो को इस नवजवान ने पटखनी दिया वह बड़े से बड़े राजनैतिक जानकारों को दातो के नीचे उगलिया दबाने को मजबूर करता है. अब अब्बास ने वह कर दिखाया है जो शायद भाजपा को जोर का झटका धीरे से और सपा को तो पूरा अचंभित ही कर दिया है.
कल हुवे एक समारोह में अब्बास अंसारी के प्रयासों से सपा और भाजपा के नवनिर्वाचित 25 पार्षदों ने बसपा की सदस्यता ग्रहण किया. इस सदस्यता ग्रहण समारोह की जानकारी तो राजनैतिक हलके में पहले से रही मगर किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक नवजवान इस तरह इस राजनैतिक धुरंधरो की पार्टी को पटखनी दे जायेगा. सही मायने में तो यह भाजपा के लिये एक तगड़ा झटका जहा था वही सपा इस झटके से तो हतप्रभ ही होकर रह गई है.
इस सम्बन्ध में हमसे बात करते हुवे अब्बास अंसारी ने एक मझे हुवे राजनितिक जानकार की तरह भाजपा पर निशाना साधते हुवे कहा कि भले झूठ बहुत तेज़ भागे मगर झूठ की उम्र बहुत कम होती है और जनता को एक न एक दिन हकीकत दिखाई दे जाती है. आज आखिर सच सामने आया और देखिये सभी लोग नील झंडे के नीचे आते जा रहे है.
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