Categories: Special

किसान त्रस्त, नहर विभाग मस्त” नहरों मे पानी की जगह है झाङ – झंझाङ

अंजनी राय.

बलिया।। खेती किसानी का मूल आधार है पानी। पानी का सहज व किफायती श्रोत हैं नहरें। आज हालत यह है कि क्षेत्र के सभी नहरों में पानी के स्थान पर झाड़- झंखाड़ ही दिख रहा है। आज किसान गेहूं की बोआई के 21 दिनों बाद वाली सिचाई के लिए परेशान हैं और नहरें हैं कि उसमें पानी की एक बूंद तक नहीं दिख रही है।

किसानो ने बताया कि गेहूं की सिंचाई के अलावा सब्जियों में भी पानी की दरकार है। एक तो वैसे ही सब्जियों का उत्पादन काफी कम हो रहा है, उस पर भी पानी का अभाव। यही नहीं निजी नलकूपों से सिचाई करने पर सब्जियों का लागत मूल्य पाना काफी कठिन हो जाएगा। पूरे क्षेत्र को पानी की आपूर्ति करने वाला रतनिकालसर-सुखपुरा माइनर आजकल झाड़-झंखाड़ से पटी है। पहले इस माइनर की सफाई होती थी तो लगता था कि कुछ दिनों में पानी आ जाएगा। इस सीजन में साफ-सफाई की जहमत भी विभाग ने नहीं उठाई। आज पानी बिन सब सूना जैसी स्थिति किसानों की हो गई है।

pnn24.in

Recent Posts

युक्रेन द्वारा अमेरिकी मिसाइलो द्वारा रूस पर बड़ा हमला, रूस का एयर डिफेन्स सिस्टम हुआ तबाह

आदिल अहमद डेस्क: रूस ने पहली बार माना है कि यूक्रेन की ओर से किए…

13 hours ago

गौतम अडानी पर सदन की कार्यवाही हुई निरस्त, बोले राहुल गाँधी ‘अडानी को मोदी सरकार बचाने की कोशिश कर रही है’

माही अंसारी डेस्क: भारत के जाने-माने उद्योगपति गौतम अदानी और उनके कुछ सहकर्मियों के ख़िलाफ़…

13 hours ago