बिहार के सीतामढ़ी व्यवहार न्यायालय में शनिवार को सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके पुत्र सह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के खिलाफ परिवाद पत्र दायर किया गया। इस पर सुनवाई करते हुए प्रभारी सीजेएम अक्षय कुमार सिंह ने मामले के विचारण के लिए एसीजेएम चतुर्थ के न्यायालय में भेजने का आदेश दिया। भाजपा नेता सह पूर्व जिला पार्षद गिरीशनंदन राम की ओर से दायर परिवाद पत्र में प्रधानमंत्री के खिलाफ तेजप्रताप की अभद्र टिप्पणी को आधार बनाया गया है। इस संबंध में भाजपा नेता के अधिवक्ता नवल किशोर प्रसाद गुप्ता ने कोर्ट में कुछ समाचारपत्रों की कटिंग पेश की, जिसमें यह खबर छपी थी।
भाजपा नेता ने कोर्ट में बताया कि लालू प्रसाद की जेड प्लस सुरक्षा कम करने की सूचना पर तेजप्रताप ने 27 नवंबर को बिहार विधानसभा परिसर में पत्रकारों के समक्ष कहा था कि अगर मेरे पिता को कुछ होता है तो मैं पीएम की…। तेजप्रताप ने कहा था कि उनके पिता पर कोई हमला होने पर प्रधानमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित साह जिम्मेदार होंगे। इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। इसका समर्थन करते हुए लालू प्रसाद ने कहा था कि पिता की हत्या की साजिश रची जा रही हो तो बेटे का खून खौलेगा ही। कोई भी बेटा सुनेगा तो ऐसा बोल सकता है।
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