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किसान सम्मान दिवस पर 23 किसानों को मिला प्रशस्त्रि पत्र

अंजनी राय.
बलिया।। चौधरी चरण सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर शनिवार को शहर के आफिसर्स क्लब परिसर में किसान सम्मान दिवस का आयोजन हुआ। इसमें बेहतर उत्पादकता प्राप्त करने वाले 23 किसानों को राज्यमंत्री उपेंद्र तिवारी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। विभिन्न क्षेत्र में प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले किसानों को सात हजार व पांच हजार का नकद पुरस्कार उनके खाते में भेजा गया है। कृषि से जुड़े अधिकारियों ने कृषि योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। वहीं, कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को बेहतर खेती के टिप्स दिए। साथ ही फसल रोग, कीट आदि से बचाव के तरीके भी बताए।

सरकारी व गैर सरकारी तंत्रों ने स्टाॅल लगाकर किसानों को लाभकारी जानकारी दी। इस किसान सम्मान दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री उपेंद्र तिवारी ने फीटा काटकर व दीप जलाकर किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री जी का प्रयास है कि किसानों की आय को दुगना किया जाए। इसके लिए साधारण खेती के साथ उद्यानिक खेती, मत्स्य व पशुपालन पर भी जोर देना आवश्यक है। सीडीओ संतोष कुमार ने चैधरी चरण सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता पर लिया जा रहा है। सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान से किसानों को काफी राहत मिल रही है। उप निदेशक कृषि इन्द्राज ने कृृषि विभाग की लाभकारी योजनाओं को विस्तार से बताया। सोलर पम्प, पाईप, तिरपाल, कृषि यंत्र आदि पर मिलने वाले अनुदान की भी विस्तृत जानकारी दी व लाभ लेने को कहा। बताया कि बैरिया क्षेत्र के किसान शिशुपाल सिंह को मसूर की खेती में 34 कुंतल उत्पादकता प्राप्त करने के लिए प्रदेश स्तर पर सम्मानित किया जा रहा है।

जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव ने फसल बीमा के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि आपदा आदि की स्थिति में किसानों को होने वाले नुकसान की पीड़ा को प्रधानमंत्री जी ने समझा और नाम मात्र के प्रीमियम पर फसल बीमा की व्यवस्था दी। उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार ने फल, फूल की खेती, मधुमक्खी पालन, औषधीय पौधे व सब्जियों की खेती कर दुगनी से अधिक आय कमाने के लिए किसानों को प्रेरित किया। उन्होंने इन सभी पर मिलने वाले अनुदान की भी जानकारी दी। कहा कि केले की खेती जिले में 30 हेक्टेयर में की गयी है। इसमें प्रति हे. लागत का दुगना से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। भूमि संरक्षण अधिकारी संजेश श्रीवास्तव ने भूमि संरक्षण से जुड़ी योजनाओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मौजूद कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों द्वारा फसलों की समस्या से जुड़ी जिज्ञाशाओं को शांत किया। इससे पहले मुख्य अतिथि राज्यमंत्री उपेंद्र तिवारी का स्वागत ‘बुके‘ देकर नहीं बल्कि ‘बुक‘ देकर किया गया।

मोबाइल ऐप से पाएं कृषि की हर जानकारी 

जिला भूमि संरक्षण अधिकारी संजेश श्रीवास्तव ने कहा कि अपने स्मार्ट फोन से घर बैठे कृषि की हर जानकारी पा सकते है। इसके लिए मोबाइल के प्ले स्टोर में pksy लिखें। नीचे ‘पारदर्शी किसान सेवा योजना‘ पर क्लिक कर एप्लीकेशन को डाउनलोड कर लें। इसके द्वारा घर बैठे पंजीकरण, योनजाओं का लाभ लेने के लिए पात्रता, डीबीटी भुगतान की स्थिति, अनुदान खाते में आया या नहीं आदि जैसी और कई जरूरी जानकारी मिल सकती है। इसके अलावा सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली के तहत 9452247111 एवं 9452257111 नम्बर पर व्हाट्अप या मैसेज करके फसल रोग, कीट आदि से बचाव की जानकारी कर सकते हैं। इस नम्बर पर फसल में लगे रोग की फोटो भेजें या लिख कर मैसेज भेजें। उधर से आपकी समस्या का समाधान लिख कर आ जाएगा। इसके बाद भी समस्या का हल नहीं निकलता है तो कृषि विशेषज्ञों को खेत तक भेजा जाएगा।

फसल बीमा योजना का लें लाभ: जिलाधिकारीजिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने सभी बैंक समन्वकों को निर्देश दिया है कि गैर ऋणी किसानों को भी सहुलियत प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा का अधिक से अधिक लाभ दिलाना सुनिश्चित कराएं। किसानों से भी अपील की है कि फसल बीमा अनिवार्य रूप से कराएं, ताकि नुकसान की स्थिति में राहत मिल सके। योजना के अन्तर्गत 31 दिसंबर तक प्रीमियम की कटौती कराकर फसल का बीमा कराया जा सकता है।

जिलाधिकारी ने प्रति हेक्टेयर प्रीमियम की जानकारी देते हुए बताया कि गेहूं के लिए 704 रू, चना के लिए 648 रू, मटर के लिए 562 रू, मसूर के लिए 681 रू का प्रीमियम निर्धारित किया गया है। आलू पर 4418 रूपया प्रति हेक्टेयर का प्रीमियम है। बीमा कराने के बाद प्राकृृतिक आपदा में या रोग कीट लगने से फसल क्षति की स्थिति में वित्तीय सहायता दी जाएगी। कटाई के बाद खेत में सुखने के लिए रखी फसल भी नष्ट होगी तो बीमा कवर के रूप से राहत दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ऋणी किसानों का प्रीमियम बैंक काट लेगा, यानि वे अनिवार्य रूप से योजना में सम्मिलित होंगे। जबकि गैर ऋणी किसानों को फसल बीमा कराना होगा। इसके लिए उनको बीमित फसल के वास्तवित आच्छादन की पुष्टि के लिए लेखपाल या राजस्व निरीक्षक द्वारा जारी प्रमाण पत्र या स्वघोषित प्रमाण पत्र एवं खतौनी की प्रतिलिपि के आधार पर योजना का लाभ ले सकते हैं। गैर ऋणी किसान का बैंक खाता होना जरूरी होगा। सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि किसानों को सहुलियत प्रदान करते हुए योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ दें।

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