नवादा (बिहार). ऐसा देखा गया है कि जब दो प्रेमी जोड़े एक दूसरे से प्यार करते हैं तो वह उनकी आर्थिक स्थिति या रंग या सूरत पर नहीं जाते हैं. दोनों की विचारधारा कहीं ना कहीं मिलती है. तभी दो प्रेमी जोड़े एक होते हैं और एक दूसरे के साथ परिणय सूत्र में बंधकर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करते है. कुछ ऐसा ही नजारा नवादा के न्यायालय में देखने को मिला, जहां माता-पिता के द्वारा दहेज देखकर एक अच्छे लड़के से शादी को ठुकराकर युवती ने युवक से कोर्ट मैरिज कर ली.
सुनीता कुमारी सिंह, जो कि मूल रूप से झारखंड के सरायकाले खरसावां की रहने वाली है, आज उसने न्यायालय में सदर प्रखंड के पुरनाडीह गांव के पंकज कुमार से शादी रचाई. सुनीता का कहना है कि उसके माता-पिता दहेज देकर एक अच्छे से नौकरी वाले लड़के से उसकी शादी करना चाहते थे. जिसके वो खिलाफ थी.
इसी दौरान सुनीता की मुलाकात अपने रिश्तेदार की शादी समारोह में पंकज से हुई. जो दिखने में दूसरे युवकों की तरह नहीं था, लेकिन सुनीता उसी को पसंद करने लगी. पंकज को भी सुनीता पसंद आ गई. वहीं से दोनों एक दूसरे के करीब आए और आज दोनों ने विधिवत न्यायालय के समक्ष शादी रचाकर अपने नए जिंदगी की शुरुआत की.
सुनीता ने बताया कि उसके माता-पिता को जब यह बात पता चली तो वे पंकज को देखने गए, लेकिन पंकज उन्हें पसंद नहीं आए. वो किसी और से दहेज देकर उसकी शादी करना चाहते थे. जब ये बात पता चली तो पंकज के साथ शादी रचाने का फैसला किया.
न्यायालय में दोनों की शादी को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा रही. शादी से दोनों प्रेमी जोड़ों ने समाज को एक संदेश भी दिया कि अगर इंसान अगर एक दूसरे को पसंद कर ले, विचार मिल जाए तो सात फेरे लेने में हर प्रकार की बाधाएं पार की जा सकती है. आखिर हर लड़की का ख्वाब होता है कि उसे एक अच्छा लड़का मिले जो हर तरफ से मजबूत हो.