जावेद अंसारी.
संसद मे महिलाओं के अधिकार हेतु “तीन तलाक” पर कानून बनाने का बिल पेश किया गया। बहस जारी है। मेरा भारतीय जनता पार्टी की सरकार से सवाल है कि मुस्लिम महिलाओ को अधिकार देने के लिए ही आपकी सरकार क्यों लालायित है। इससे पहले “महिला आरक्षण बिल” को पास कर देना चाहिए था ताकि सभी धर्मो की महिलाओं को अधिकार मिल जाता और ये महिलाएं संसद मे जाकर अपने अधिकारो के लिए कानून बनाती। महिला आरक्षण बिल बेहद जरुरी था। उक्त बाते वाराणसी के पार्षद रमजान अली ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करने कही.
उन्होंने कहा कि सरकार को मुस्लिम महिलाओ की बड़ी फिक्र थी तो पहले सरकार को “सच्चर कमेटी” की सिफारिशो को लागू करना चाहिए था। विदित हो कि सच्चर कमेटी ने मुस्लिमो को हर तरीके से, हर क्षेत्र मे अति पिछड़ा घोषित कर रखा है। चाहे वह शिक्षा का मामला हो, चाहे सामाजिक व आर्थिक मामला हो। मुस्लिमो मे बेरोजगारी और गरीबी चरम पर है। जो कि तीन तलाक का महत्वपूर्ण कारण है। सरकार को पहले सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करना चाहिये था। न सुधार होने की स्थिति मे तब जाकर कानून बनाना चाहिये था। सरकार का यह फैसला जल्दबाजी का है।
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