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सनातन धर्म सम्मेलनः ज्योतिषपीठ का नया शंकराचार्य चुनेंगे दंडी संन्यासी

कनिष्क गुप्ता.

इलाहाबाद। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को दंडी संन्यासी ज्योतिषपीठ के पीठाधीश्वर की मान्यता नहीं देंगे। उन्हें सिर्फ द्वारिका पीठ के पीठाधीश्वर की मान्यता देंगे। ज्योतिषपीठ का पीठाधीश्वर (शंकराचार्य) दंडी संन्यासी स्वयं चुनेंगे। वह कौन होगा, इस पर मंथन के लिए 18 जनवरी को माघ मेला क्षेत्र में सनातन धर्म सम्मेलन बुलाया गया है। यह अहम निर्णय बुधवार को माघ मेला क्षेत्र में दंडी स्वामीनगर स्थित मठ मछलीबंदर शिविर में हुई अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति की कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया।

अध्यक्षता कर रहे समिति के अध्यक्ष स्वामी विमलदेव आश्रम ने कहा कि शंकराचार्य की नियुक्ति बिना दंडी संन्यासियों की सहमति के नहीं हो सकती। यह अधिकार हमें आदिशंकराचार्य ने दिया है, जिसका जिक्र मठाम्नाय महानुशासन में है। भारत धर्म महामंडल को शंकराचार्य की नियुक्ति व अभिषेक का अधिकार नहीं है। ऐसे में स्वरूपानंद को ज्योतिषपीठ का शंकराचार्य नहीं माना जाएगा। मुख्य वक्ता जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम ने कहा कि भारत धर्म महामंडल ने स्वामी स्वरूपानंद का ज्योतिषपीठाधीश्वर के रूप में अभिषेक करके अधर्म किया है। यह अधिकार उसे नहीं है।

ज्योतिषपीठ का नया शंकराचार्य दंडी संन्यासी स्वयं चुनेंगे। उन्होंने कुंभ को लेकर चल रही तैयारियों मे दंडी संन्यासियों की उपेक्षा पर नाराजगी व्यक्त की। कहा कि अखाड़ों की भांति दंडी संन्यासियों को महत्व दिया जाए। महामंत्री स्वामी ब्रह्माश्रम ने कहा कि प्रशासन कुंभ मेला सिर्फ अखाड़ों को लेकर पूरा करना चाहता है, जो अनुचित है। दंडी संन्यासियों की उपेक्षा हुई तो हम शांत नहीं बैठेंगे। कहा कि ज्योतिषपीठ के पीठाधीश्वर के रूप में अभी किसी का समर्थन नहीं किया जाएगा। इस दौरान प्रकाशदेव आश्रम को समिति का कार्यवाहक प्रवक्ता नियुक्त किया गया। बैठक में चंद्रभूषणाचार्य, डॉ. कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य, ज्ञानमाता डॉ. राधा सत्यम, शंकराश्रम, राजेश्वराश्रम, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, आचार्य धनंजय शास्त्री मौजूद रहे।

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