प्रेम शंकर शर्मा /वेद प्रकाश शर्मा
बलिया : हाड़कंपा देनी वाली ठंड से शुक्रवार को पूरा जनपद ठिठुरता रहा। ठंड का कहर इस कदर रहा कि लोग पूरे दिन कांपते रहे। इसी बीच ठंड की चपेट में आने से मासूम, छात्रा समेत चार की मौत हो गई। नगर पंचायत रेवती के वार्ड नंबर-13 के विकास केसरी की एक वर्षीय बच्ची साक्षी की ठंड लगने से मौत हो गई। रात को बच्ची सोई थी। सुबह अचानक वह ठंड से कांपने लगी। परिवार वाले उसे तत्काल अस्पताल ले गए। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
सदर तहसील के गंगा उस पार जवहीं दियर में ठंड लगने से कंचन (16) पुत्री शिवजी यादव की मौत हो गई। कक्षा 9 वीं की यह छात्रा गांव के कालेज में पढ़ने गई थी। इसी बीच उसे ठंड का एहसास हुआ। विद्यालय से उसे घर भेज दिया गया। परिजन उसे चिकित्सक के यहां ले गए जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
उधर रसड़ा तहसील क्षेत्र के सिसवार कला गांव के राजभर बस्ती में रामाश्रय राजभर (40) की मौत ठंड लगने से हो गई। गांव वालों ने इसकी सूचना तहसील प्रशासन को दे दी। ग्रामीणों के अनुसार रामाश्रय राजभर की आíथक स्थिति काफी खराब थी। वहीं भरौली में सोहाव विकासखंड के गो¨वदपुर में माधुरी (50) पत्नी बंसी लाल यादव पशुओं को चारा डाल रही थी। इसी बीच ठंड लगने से वह गिर गईं। उन्हें घर वाले बक्सर अस्पताल लेकर गए जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
न अलाव दिख रहा और न कंबल, प्रशासन भी मौन
सुखपुरा: दस दिनों से जारी भयंकर शीतलहर के बावजूद यहां कस्बे सहित चट्टी बाजार व सार्वजनिक स्थानों कर प्रशासन की तरफ से अलाव की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते गरीबों को बेहद दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। हाड़ कंपाती इस ठंड मे लोगों का घरों से निकलना बंद है। दिनभर लोग घरों के भीतर या तो आग के समीप बैठकर अपना समय व्यतीत कर रहे हैं या रजाईयों में दुबके रहे। पंचायत स्तर से भी किसी गांव में इस वर्ष अलाव नहीं जलाया जा रहा है। यही नहीं इस ठंड में न तो शासन प्रशासन से ही गरीबों को कम्बल दिया गया न ही किसी जनप्रतिनिधि ने ही इसके वितरण का कोई आयोजन किया। लोग दबी जुबान चर्चा कर रहे है कि निकट भविष्य में यदि चुनाव होता तो तमाम लोग कम्बल वितरण का आयोजन कर अपना वोट बैंक मजबूत कर रहे होते।
बैरिया: तहसील प्रशासन द्वारा सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन परिसर सहित किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अब तक अलाव नहीं जलाए जाने से गरीबों को भारी असुविधा हो रही है। पूछने पर तहसीलकर्मी कहते हैं कि बजट नहीं है। अगर तहसील के अधिकारी चाहे तो प्रधानों के सहयोग से अलाव की व्यवस्था करा सकते थे ¨कतु ऐसा नहीं हो रहा है। चिलकहर में भीषण ठंड व कोहरे से जहां जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, वहीं ब्लाक क्षेत्र में अलाव व कंबल के लिए कोई भी पहल नहीं किए जाने से विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों पर आम जनता सवाल उठाने लगी है। आलम यह कि किसी भी चट्टी व चौराहे पर अलाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है जो ताकि राहगीरों को राहत मिल सके। वहीं कंबल का अब तक वितरण न होने से भी सवालियां निशान लगना लाजिमी है।
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